पिछले कई दिनों से आ रही डिजिटल अरेस्ट और Cyber Fraud से जुड़ी घटनाओं को देखते हुए, सरकार ने इससे निपटने के लिए बड़ा कदम उठाया है. डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड से निपटने के लिए क्रेंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाई लेवल कमेटी गठित की है। MHA इंटरलन सिक्योरिटी के सेक्रेटरी इस कमेटी को मॉनीटर कर रहे हैं, इसके लिए स्पेशल कैंपेन चलाया जाएगा। MHA के 14C विंग ने सभी राज्यों की पुलिस से संपर्क किया है। सूत्रों के मुताबिक, डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं पर तत्काल एक्शन के निर्देश दिए गए हैं।
जानकारी के मुताबिक, इस साल डिजिटल अरेस्ट की 6000 से ज्यादा शिकायत दर्ज हुई हैं। 6 लाख मोबाइल फोन साइबर फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं में शामिल रहे हैं, जिसके MHA साइबर विंग के द्वारा ब्लॉक कर दिया गया हैं। विंग ने अब तक 709 मोबाइल ऐप भी ब्लॉक किए हैं। इसके साथ ही साइबर फ्रॉड में शामिल 1 लाख 10 हजार IMEIs ब्लॉक किए गए और 3.25 लाख फेक बैंक एकांउट फ्रीज किए गए हैं।
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात प्रोग्राम में डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड की घटनाओं का लेकर लोगों को जागरुक किया था। डिजिटल अरेस्ट साइबर धोखाधड़ी का एक नया तरीका हैं, जिसमें जालसाज कानून प्रवर्तन अधिकारी बनकर ऑडियो या वीडियो कॉल पर लोगों को धमकाते हैं और गिरफ्तारी के झूठे बहाने से उन्हें डिजिटल रुप से बंधक बना लेते हैं।
इस हफ्ते की शुरुआत में कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ऑफ इंडिया ने एक लिस्ट शेयर की, जिसमें देश के अंदर जालसाजों द्वारा ऑनलाइन धोखाधड़ी करने के एक दर्जन से ज्यादा तरीकों के बारे में बताया गया है। इसमें लोगों के पैसे और पर्सनल डेटा चुराकर उन्हें ठगने के लिए डिजिटल अरेस्ट भी शामिल है।