Kisan Andolan 2 Live Updates : केंद्र सरकार के तीन मंत्रियों (अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय) और किसान नेताओं के बीच रविवार को चंडीगढ़ में चौथे दौर की बैठक हुई। जिसमें मोदी सरकार की तरफ से नया फॉर्मूला पेश किया गया है। इस दौरान देर रात तक चली बैठक में दोनों पक्षों के बीच कई बातों पर सहमति बनी। केंद्र सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर प्रस्ताव लाने के बाद प्रदर्शनकारी किसान थोड़े शांत हुए हैं। उन्होंने सरकार से चौथे दौर की बातचीत के बाद अपना प्रदर्शन कुछ समय रोकने का ऐलान किया।
किसान नेताओं का कहना है कि बैठक के दौरान केंद्र सरकार ने एमएसपी पर पांच साल की योजना सहित कुछ और प्लान पेश किए। इसके बाद किसानों ने फिलहाल दिल्ली कूच पर रोक लगा दी है। बताया जा रहा है कि किसानों ने फिलहाल दो दिन का समय मांगा है। इस दौरान आपस में बातचीत के बाद अगर सहमति बनती है तो किसान अपना आंदोलन वापस ले लेंगे। अगर किसी कारण सहमति बनने में रूकावट आती है तो किसान 21 फरवरी को दिल्ली की तरफ कूच करेंगे। वहीं कयास है कि सरकार और किसान नेताओं के बीच हुई चौथे दौर की बैठक के बाद दोनों में आपसी सहमति बनती दिखाई दे रही है।

गौरतलब है कि चंडीगढ़ के सेक्टर-26 स्थित महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान में रविवार को किसान नेताओं और तीनों केंद्रीय मंत्रियों के अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी शामिल हुए। बैठक रात करीब 8:15 बजे शुरू होकर देर रात करीब 12:40 बजे खत्म हुई। बैठक समाप्त होने के बाद बाहर आए केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने किसानों के साथ हुई बातचीत को सकारात्मक बताया।

बताया जा रहा है कि किसान नेताओं के साथ बैठक करने वाले तीन केंद्रीय मंत्रियों के पैनल ने सरकारी एजेंसियों की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर दालों, मक्का और कपास की फसलों की खरीद के लिए 5 साल की योजना का प्रस्ताव रखा। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बैठक में कहा कि राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (एनएएफईडी) जैसी सहकारी समितियां उन किसानों के साथ अनुबंध करेंगी, जो अरहर दाल, उड़द दाल, मसूर दाल या मक्का उगाते हैं। अगले 5 वर्षों तक उनकी फसल एमएसपी पर खरीदी जाएगी।

पीयूष गोयल ने यह भी कहा है कि खरीदी गई मात्रा की कोई सीमा नहीं होगी और एक पोर्टल विकसित किया जाएगा। यह पंजाब की खेती को बचाएगा। भूजल स्तर में सुधार करेगा और भूमि को बंजर होने से बचाएगा, जो पहले से ही खराब स्थिति में है। वहीं बैठक के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से यह भी प्रस्ताव दिया गया है कि भारतीय कपास निगम (सीसीआई) एक कानूनी समझौते के जरिए 5 साल तक किसानों से एमएसपी पर कपास खरीदेगा।

केंद्रीय मंत्रियों ने दालों, कपास और मक्का में विविधीकरण का प्रस्ताव पेश किया। जिसमें किसानों को बिना किसी मात्रा सीमा के न्यूनतम समर्थन मूल्य का आश्वासन दिया गया। इसके बाद किसानों ने विचार-विमर्श करने और अपना निर्णय देने के लिए सरकार से मंगलवार तक का समय मांगा है। मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि बैठक में चर्चा किए गए कई नीतिगत मामलों को व्यापक प्रतिनिधित्व की आवश्यकता है। कुछ प्रतिनिधियों के साथ इसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सकता है। आगामी चुनावों को देखते हुए इन नीतिगत चर्चाओं को उचित समय पर संबोधित किया जाएगा।

बताया जा रहा है कि बैठक के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने भी किसानों के हितों की रक्षा के लिए फसलों के लिए एमएसपी को कानूनी रूप देने की वकालत की। उन्होंने बैठक के दौरान मोजाम्बिक और कोलंबिया से दालों के आयात का मुद्दा उठाया। भगवंत मान ने कहा कि यह आयात 2 अरब डॉलर से अधिक है। अगर इस फसल के लिए एमएसपी दिया जाता है तो पंजाब दालों के उत्पादन में देश का नेतृत्व कर सकता है और यह दूसरी हरित क्रांति होगी।

इस दौरान पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि बैठक के दौरान केंद्र सरकार ने 5 साल की योजना सहित कुछ विचार पेश किए। जिसके बाद किसानों ने दिल्ली कूच मार्च पर फिलहाल दो दिन के लिए रोक लगा दी है। सभी किसान साथी केंद्र सरकार की ओर से दिए गए प्रस्तावों पर विचार-विमर्श करेंगे। साथ ही विशेषज्ञों की राय भी ली जाएगी। साथ ही सरकार भी विचार-विमर्श करेगी।

उन्होंने बताया कि सरकार के प्रस्ताव पर दो दिन चर्चा करने के बाद सरकार को जवाब दे दिया जाएगा। अगर दो दिन में किसानों के बीच सहमति नहीं बनती है तो वह अपना दिल्ली कूच जारी रखेंगे। 21 फरवरी को किसान दिल्ली की तरफ रवाना हो जाएगा। वहीं पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर का कहना है कि चौथे दौर की बैठक के दौरान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने और किसानों की कर्ज माफी जैसी मांगों पर फिलहाल सहमित नहीं बन पाई है।