शिक्षा मंत्रालय ने देशभर में 5वीं और 8वीं कक्षा के छात्रों के लिए नए नियम लागू किए हैं। अब हर शैक्षणिक वर्ष के अंत में इन कक्षाओं में नियमित परीक्षाएं ली जाएंगी। यदि कोई छात्र इन परीक्षाओं में फेल होता है, तो उसे दो महीने के भीतर फिर से परीक्षा का मौका दिया जाएगा। हालांकि, यदि छात्र फिर से परीक्षा में सफल नहीं होते हैं, तो उन्हें उसी कक्षा में रोक दिया जाएगा। यह नया बदलाव 16 दिसंबर से पूरे देश में लागू हो चुका है।
नए नियमों के तहत क्या होगा?
- हर शैक्षणिक वर्ष के अंत में 5वीं और 8वीं कक्षा में नियमित परीक्षा होगी।
- परीक्षा में फेल होने वाले छात्रों को दो महीने के भीतर पुनः परीक्षा का मौका मिलेगा।
- यदि छात्र पुनः फेल हो जाते हैं, तो उन्हें उसी कक्षा में रोक दिया जाएगा।
- छात्रों को सुधारने के लिए शिक्षकों द्वारा विशेष मार्गदर्शन दिया जाएगा।
- शिक्षकों को छात्रों की सीखने की कमी को दूर करने के लिए विशेषज्ञों की मदद लेने का आदेश दिया गया है।
रटने की बजाय सक्षमता आधारित परीक्षा?
इस नए नियम के तहत परीक्षा सक्षमता-आधारित होगी, जिसमें छात्रों के समग्र विकास और व्यावहारिक ज्ञान को परखा जाएगा। रटने की बजाय छात्रों के कौशल और बुनियादी समझ पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। यह बदलाव शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने और छात्रों को अधिक प्रभावी तरीके से सीखने में मदद करने के लिए किया गया है।
सुधारने के लिए विशेष मार्गदर्शन
अगर छात्र दोबारा फेल होते हैं, तो उन्हें विशेष मार्गदर्शन के तहत शिक्षा दी जाएगी। शिक्षकों के द्वारा छात्रों की प्रगति पर निगरानी रखी जाएगी, और उनके माता-पिता को भी इस प्रक्रिया में सहायता दी जाएगी।
शिक्षा अधिकारियों की राय
करनाल के जिला शिक्षा अधिकारी सुदेश ठकराल ने कहा, “इस बदलाव से न केवल छात्रों का शैक्षणिक स्तर सुधरेगा, बल्कि उनकी शिक्षा को और अधिक व्यवस्थित और सशक्त बनाने में मदद मिलेगी। यह कदम शिक्षा क्षेत्र में एक नई दिशा देने की कोशिश है।