New Delhi केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कृषि भवन, नई दिल्ली में बजट पूर्व हितधारकों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस दौरान किसानों, कृषि उद्यमियों, कृषक उत्पादक संघों और कृषि से जुड़े विभिन्न संगठनों ने अपने अनुभवों के आधार पर कई सुझाव दिए। चौहान ने आश्वस्त किया कि इन सुझावों का गंभीरता से अध्ययन किया जाएगा और उन्हें वित्त मंत्री तक पहुंचाया जाएगा।
सतत संवाद पर जोर
बैठक के दौरान कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र के विकास के लिए हितधारकों से निरंतर संवाद किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मंत्रालय आंतरिक रूप से गहन अध्ययन कर रहा है ताकि बजट संबंधी प्रभावी प्रस्ताव शीघ्र तैयार कर वित्त मंत्रालय को भेजे जा सकें।
किसानों के हित में सुझाव
बैठक में कृषि क्षेत्र से जुड़े विषयों पर व्यापक चर्चा हुई। हितधारकों ने वैल्यू एडिशन, कृषि निर्यातकों के लिए सुविधाओं में वृद्धि, कृषि अनुसंधान का विस्तार, कृषि आदानों की गुणवत्ता और कीमतों पर नियंत्रण जैसे मुद्दों पर सुझाव दिए। साथ ही, किसानों को नुकसान से बचाने और उनकी आय बढ़ाने के लिए नई योजनाओं और तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया गया।
पुरानी योजनाओं की समीक्षा
कृषि मंत्री ने बताया कि कृषि मंत्रालय विभिन्न पुरानी योजनाओं की समीक्षा कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की 109 नई किस्में किसानों को समर्पित किए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसी प्रकार किसानों के लाभ के लिए नए प्रयास किए जा रहे हैं।
मध्य प्रदेश का अनुभव साझा किया
शिवराज चौहान ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते हुए किसान पंचायतों के आयोजन का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के संवाद से कृषि और किसानों को लाभ मिलता है। वर्तमान में भी ऐसे संवादों को राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने की आवश्यकता है। बैठक में केंद्रीय कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और आईसीएआर के वरिष्ठ अधिकारी, नाबार्ड, भारतीय स्टेट बैंक, सीआईआई, एसोचैम, सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया सहित कई संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।