IIT Mandi Research AI & Quantum Computing : हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में स्थित आईआईटी मंडी में सोमवार को आयोजित एक विशेष समारोह में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने छात्रों और शिक्षकों को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने भारत की रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ती प्रगति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अब 70 प्रतिशत रक्षा सामग्री का निर्माण देश में ही किया जा रहा है, जबकि पहले इतनी ही सामग्री का आयात करना पड़ता था। उन्होंने बताया कि भारत ने 2023-24 में 23 हजार करोड़ रुपये की रक्षा सामग्री का निर्यात किया है, जिसे 2029 तक 50 हजार करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
आईआईटी मंडी को रक्षा अनुसंधान में सहयोग का आह्वान
राजनाथ सिंह ने कहा कि आईआईटी मंडी पहले से ही डीआरडीओ के साथ रक्षा अनुसंधान में कार्य कर रहा है और उन्होंने छात्रों से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) व क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में और अधिक शोध करने की अपील की। उन्होंने आईआईटी की नई परिभाषा “इनिशिएट, इम्प्रूव और ट्रांसफॉर्म” (Initiate, Improve, Transform) देते हुए छात्रों को नवाचार और अनुसंधान में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
भारत जल्द बनेगा दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत वर्तमान में दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और जल्द ही यह तीसरे स्थान पर पहुंचने की ओर अग्रसर है। उन्होंने छात्रों को आत्मनिर्भरता और नवाचार के महत्व को समझाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के विचारों को उद्धृत किया कि “छोटे मन से कोई बड़ा नहीं बनता और टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता।”
क्वांटम कंप्यूटिंग और एआई का भविष्य
राजनाथ सिंह ने कहा कि आने वाला समय क्वांटम कंप्यूटिंग का है और भारत इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने आईआईटी मंडी के विजन को सराहा और छात्रों से इस क्षेत्र में नए अनुसंधान करने की अपील की।
मेधावी छात्रों और शिक्षकों का सम्मान
इस मौके पर संस्थान के मेधावी छात्रों और उत्कृष्ट शिक्षकों को सम्मानित किया गया। रक्षा मंत्री ने यंग फैकल्टी फैलो अवार्ड, यंग अचीवर अवार्ड, स्टूडेंट्स एकेडमिक एक्सीलेंस अवार्ड और स्टूडेंट्स टेक अवार्ड प्रदान किए। इसके बाद रक्षा मंत्री सुंदरनगर में आयोजित पीएम किसान सम्मान समारोह में भी शामिल हुए।