पहलगाम हमले के बाद भारत के पांच प्रहार 2

भारत के पांच कठोर फैसले: क्‍या आतंक के खिलाफ उठाया निर्णायक कदम! जानें

देश


भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ पांच बड़े फैसले लिए
सिंधु जल संधि स्थगित, अटारी बॉर्डर बंद और पाक नागरिकों के वीजा रद्द
सीसीएस की ढाई घंटे लंबी बैठक में पीएम मोदी ने की अध्यक्षता, सुरक्षा अलर्ट पर सभी एजेंसियां

Blog: Akhilesh Mahajan


India’s Five Stern Moves:भारत सरकार द्वारा पहलगाम आतंकी हमले के बाद लिए गए पांच कठोर फैसलों ने देश-विदेश में यह बहस छेड़ दी है कि क्या ये आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक कदम हैं। सरकार ने सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया, अटारी बॉर्डर को बंद कर दिया, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द किए, पाक उच्चायोग के सैन्य अधिकारियों को देश छोड़ने को कहा और अपने रक्षा सलाहकारों को इस्लामाबाद से वापस बुलाने की घोषणा की। ये सभी फैसले न केवल राजनयिक रूप से कठोर हैं, बल्कि यह भी दिखाते हैं कि भारत अब ‘संयम’ की नीति से आगे बढ़ चुका है और आतंकी घटनाओं का सीधा और ठोस जवाब देने के लिए तैयार है।

Whatsapp Channel Join

इन कदमों को निर्णायक इसलिए भी कहा जा सकता है क्योंकि भारत ने वर्षों पुरानी सिंधु जल संधि तक को छूने से परहेज नहीं किया, जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय एक ‘नमूना संधि’ के रूप में देखता रहा है। साथ ही, सीमाई चेकपोस्ट को बंद कर आमजन के संपर्क को तोड़ना और वीजा रद्दीकरण जैसे निर्णय पाकिस्तान पर कूटनीतिक और सामाजिक दबाव बढ़ाने का प्रयास हैं। यह सब एक बड़े संदेश का हिस्सा है — कि अब आतंकी घटनाओं पर प्रतीक्षा नहीं, प्रतिक्रमण होगा।

हालांकि, कुछ समीक्षकों का यह भी मानना है कि केवल राजनयिक और कूटनीतिक कदम पर्याप्त नहीं हैं। जब तक सैन्य या खुफिया स्तर पर सीधा प्रतिरोध नहीं दिखेगा, आतंकवाद के संरचकों को वास्तविक नुकसान नहीं पहुंचेगा। भारत ने अभी तक कोई सर्जिकल स्ट्राइक या एयर स्ट्राइक जैसे कदम नहीं उठाए हैं, जिससे इन फैसलों की निर्णायकता पर सवाल भी उठ रहे हैं। इसके अलावा, देश के भीतर आतंकी नेटवर्क को तोड़ने के लिए पुलिस, खुफिया एजेंसियों और सुरक्षा बलों के बीच सामंजस्य और सतर्कता भी उतनी ही जरूरी है।

कहा जा सकता है कि ये फैसले भारत की आतंक के खिलाफ नीति में एक निर्णायक मोड़ का संकेत जरूर देते हैं, लेकिन इन्हें पूर्ण रूप से ‘निर्णायक कदम’ तभी कहा जा सकता है जब इनका पालन व्यावहारिक स्तर पर भी उतनी ही दृढ़ता से हो, जितना कि इनकी घोषणा की गई है।

बता दें कि दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक में पाकिस्तान से जुड़ी नीतियों में अहम बदलाव किए गए।​22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की मृत्यु हो गई।

विस्‍तार से जानें भारत के पांच कठोर फैसले:

  1. सिंधु जल संधि स्थगित
    भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया है। यह निर्णय तब तक प्रभावी रहेगा जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का समर्थन बंद नहीं करता।
  2. अटारी बॉर्डर बंद
    भारत-पाकिस्तान के बीच एकमात्र भूमि मार्ग, अटारी एकीकृत चेक पोस्ट, को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। वैध तरीके से भारत में प्रवेश कर चुके पाकिस्तानी नागरिकों को 1 मई 2025 से पहले इस मार्ग से वापस लौटने की अनुमति दी गई है।
  3. पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द
    सार्क वीजा छूट योजना के तहत भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए गए हैं। उन्हें 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है।
  4. पाकिस्तानी सैन्य सलाहकारों को निष्कासित किया गया
    नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को ‘अवांछित व्यक्ति’ घोषित कर एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है।
  5. भारतीय सैन्य सलाहकारों की वापसी
    भारत ने इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग से रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुला लिया है। इन पदों को अब निरस्त माना जाएगा।

क्या यह निर्णायक कदम है?

इन फैसलों से स्पष्ट है कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। सिंधु जल संधि का स्थगन और अटारी बॉर्डर का बंद होना ऐतिहासिक कदम हैं, जो भारत की गंभीरता को दर्शाते हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इन कदमों का प्रभाव तभी स्थायी होगा जब पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई करेगा।​ भारत सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह आतंकियों और उनके समर्थकों को न्याय के कठघरे में लाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। इस दिशा में सुरक्षा बलों को उच्च सतर्कता बनाए रखने का निर्देश दिया गया है। ​ इन कठोर कदमों से भारत ने दुनिया को यह संदेश दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकता है। अब देखना यह है कि पाकिस्तान इन संकेतों को कैसे लेता है और क्या वह आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाता है।​