Landslide in Uttarkashi

Landslide In Uttarkashi : यमुनोत्री एनएच पर निर्माणाधीन सुरंग में भूस्खलन, 40 से ज्यादा मजदूर फंसे, अधिकारियों के संपर्क में सीएम धामी

गुरुग्राम देश बड़ी ख़बर हरियाणा

Uttarkashi Landslide Tunnel : उत्तराखंड के उत्तरकाशी में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डंडालगांव तक निर्माणाधीन सुरंग के अंदर भूस्खलन हुआ है। सुरंग का निर्माण एनएचआईडीसीएल के निर्देशन में नवयुगा कंपनी कर रही है। जिला आपदा प्रबंधन उत्तरकाशी ने इसकी पुष्टि की है। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि सुरंग के अंदर कुल कितने श्रमिक फंसे हैं। अभी तक 40 मजदूरों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि कंपनी की ओर से मलबे को हटाने का कार्य किया जा रहा है।

फिलहाल मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है। फिलहाल टनल के अंदर ऑक्सीजन भेजी जा रही है। यह टनल ​​​​ब्रह्मकमल और यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर सिल्क्यारा और डंडलगांव के बीच बनाई जा रही है। इसकी लंबाई साढ़े 4.5 किलोमीटर और चौड़ाई 14 मीटर है। चार धाम रोड प्रोजेक्ट के तहत यह ऑल वेदर (हर मौसम में खुली रहने वाली) टनल बनाई जा रही है। इसके बनने के बाद उत्तरकाशी से यमुनोत्री धाम के बीच की दूरी 26 किमी तक कम हो जाएगी। कंपनी की ओर से मलबे को हटाने का कार्य किया जा रहा है। मौके पर पांच 108 एंबुलेंस तैनात की गई हैं।

टनल 3

हादसे की सूचना मिलने पर सीएम पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि घटना के बाद से वह लगातार अधिकारियों के संपर्क में हैं। हादसे की पूरी जानकारी ली जा रही है। सडीआरएफ और एनडीआरएफ मौके पर मौजूद है। सभी की सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। एडीजी कानून व्यवस्था एपी अंशुमान का कहना है कि अभी किसी की मृत्यु की सूचना नहीं है। एसडीआरएफ और अन्य बचाव दल पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए है।

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टनल 2

जानकारी के अनुसार हादसा रविवार सुबह 5:00 बजे हुआ। सिलक्यारा की ओर सुरंग के द्वार से 200 मीटर की दूरी पर यह भूस्खलन हुआ है, जबकि जो मजदूर काम कर रहे थे वो वाहन द्वार के 2800 मीटर अंदर हैं। आलवेदर रोड प्रोजेक्ट के तहत तैयार की जा रही सुरंग की लंबाई 4.5 किमी है। इसमें से चार किमी तक निर्माण पूरा कर लिया गया है। पहले सुरंग निर्माण पूर्ण करने का लक्ष्य सितंबर 2023 था, लेकिन अब मार्च 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

टनल 1

उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी का कहना है कि टनल का 50 मीटर का हिस्सा धंस गया है। इसमें फंसे ज्यादातर मजदूर उत्तर प्रदेश और बिहार के हैं। जहां टनल धंसी, वह हिस्सा सुरंग के स्टार्टिंग पॉइंट से करीब 200 मीटर अंदर है। रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, फायर ब्रिगेड, नेशनल हाईवे के करीब 156 लोग लगे हुए हैं। अधिकारियों के अनुसार मजदूरों को निकालने में 2 से 3 दिन का समय लग सकता है।

टनल 4

बता दें कि चारधाम यात्रा के मुख्य पड़ाव धरासू से यमुनोत्री नेशनल हाईवे शुरू होता हैं। यह हाईवे जानकीचट्टी पर खत्म होता है। धरासू से जानकीचट्टी की दूरी 106 किमी है। बीच में राड़ी टाप क्षेत्र पड़ता है। हालांकि जब सर्दियों में बर्फबारी होती है तो राड़ी टाप क्षेत्र में यमुनोत्री हाईवे बाधित हो जाता है। जिससे यमुना घाटी के तीन तहसील मुख्यालयों बड़कोट, पुरोला और मोरी का जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से संपर्क कट जाता है। चारधाम यात्रा को सुगम बनाने और राड़ी टाप में बर्फबारी की समस्या से निजात पाने के लिए यहां आलवेदर रोड परियोजना के तहत डबल लेन सुरंग बनाने की योजना बनाई गई थी।