एक देश एक चुनाव को लेकर करीब 15 दिन पहले अटकलें लगाई जा रही थी कि ऐसा वर्ष 2024 से लागू हो सकता है, लेकिन अब जो तस्वीर सामने आ रही है। उससे ऐसा प्रतीत होता है कि यह 2024 से नहीं, 2029 के लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव एक साथ होना संभव है। विधि आयोग एक ऐसे फॉर्मूले पर काम कर रहा है, जो इसे संभव बना सकता है।
आयोग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विधि आयोग मौजूदा विधानसभाओं का कार्यकाल बढ़ाकर या घटाकर 2029 से लोकसभा चुनाव के साथ सभी के विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के फॉर्मूले पर काम कर रहा है। सरकार पहले ही लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के लिए एक साथ चुनाव कराने को लेकर एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन कर चुकी है, इसलिए विधि आयोग को राष्ट्रीय और राज्यों के लिए अपनी वर्तमान सिफारिश के साथ-साथ स्थानीय निकाय चुनावों को भी शामिल करने को कहा जा सकता है।
आम मतदाता सूची के लिए तैयार किया जा रहा सिस्टम
सूत्रों के अनुसार विधि आयोग की ओर से लोकसभा, विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के लिए एक आम मतदाता सूची सुनिश्चित करने के लिए एक सिस्टम तैयार किया जा रहा है। जिससे लागत कम हो सके। सूत्रों ने यह भी बताया कि एक साथ चुनाव पर विधि आयोग की रिपोर्ट तैयार नहीं है, क्योंकि कुछ मुद्दों का निपटारा होना बाकी है।

आयोग विधानसभाओं के कार्यकाल को कम करने या बढ़ाने का दे सकता है सुझाव
वर्ष 2029 से लोकसभा और विधानसभा दोनों चुनाव एक साथ कराना सुनिश्चित करने के लिए न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी के तहत आयोग विधानसभाओं के कार्यकाल को कम करने या बढ़ाने का सुझाव दे सकता है। यह सुनिश्चित करने के लिए एक तंत्र तैयार किया जा रहा है कि एक बार लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की व्यवस्था हो जाए तो मतदाता दोनों चुनावों के लिए मतदान करने के वास्ते केवल एक बार ही मतदान केंद्र पर जाएं। बता दें कि विधानसभा और संसदीय चुनाव विभिन्न चरणों में होते हैं, इसलिए आयोग इस बात पर भी गौर कर रहा है कि मतदाता दो चुनावों के लिए मतदान करने के वास्ते एक से अधिक बार मतदान केंद्रों पर न जाएं।

लोकतांत्रिक कवायद के सुचारू संचालन के लिए तौर-तरीकों पर काम कर रहा आयोग
आयोग का विचार है कि वर्ष 2029 में विधानसभा और संसदीय चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं। वह केवल व्यापक लोकतांत्रिक कवायद के सुचारू संचालन के लिए तौर-तरीकों पर काम कर रहा है। फिलहाल आयोग का काम विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ कराने के तरीके सुझाना है, लेकिन पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति को यह सिफारिश करने का काम सौंपा गया है कि लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनाव (पंचायत, नगरपालिका, जिला परिषद) एक साथ कैसे आयोजित किए जा सकते हैं।
त्रिस्तरीय चुनाव एक साल में
त्रिस्तरीय चुनाव दो चरणों में कराने का दिया जा सकता है सुझाव
साथ ही विधि आयोग एक सुझाव दे सकता है कि त्रिस्तरीय चुनाव एक साल में दो चरणों में कराए जाएं। पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं और दूसरे चरण में स्थानीय निकाय चुनाव कराए जा सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि यह देश में विभिन्न जलवायु परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए एक व्यावहारिक दृष्टिकोण है। कानून मंत्रालय ने अप्रैल 2018 में विधि आयोग से लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के मुद्दे की जांच करने को कहा था।