NDA के उम्मीदवार ओम बिरला(Om Birla) बुधवार को लोकसभा(Lok Sabha) के स्पीकर चुने गए। उन्हें निर्विरोध चुना गया। पीएम नरेंद्र मोदी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी उन्हें सदन की कुर्सी तक ले गए। विपक्ष ने मतदान की मांग की थी, लेकिन प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने उनकी मांग खारिज कर दी। वहीं अखिलेश तंज(Akhilesh taunt) कसते हुए नजर आए कि आपके इशारे पर सदन चलना चाहिए, इसका उल्टा नहीं होना चाहिए।
पीएम मोदी ने बिरला के नाम का प्रस्ताव रखा और कहा ओम बिरला का अनुभव देश के लिए बहुत काम आएगा। वहीं राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें यकीन है कि बिरला विपक्ष की आवाज को दबने नहीं देंगे। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि विपक्ष की आवाज नहीं दबाई जाएगी और न ही निष्कासन जैसी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि उनका नियंत्रण विपक्ष पर तो रहेगा ही, सत्ता पर भी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि आपके इशारे पर सदन चलेगा, इसका उल्टा न हो।
शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि आप छोटी पार्टियों को भी उतना ही मौका देंगे, जितना बड़ी पार्टियों को देते हैं। उन्होंने कहा मेरा अनुरोध है कि आप पहले से ज्यादा मौका दें। चिराग पासवान ने कहा कि आपने 17वीं लोकसभा में पहली बार चुनकर आए सांसदों को बहुत मौके दिए थे। उन्हें उम्मीद है कि इस बार भी देंगे। उन्होंने कहा पिछले कार्यकाल में आपने जो फैसले लिए, उससे लोकतंत्र मजबूत हुआ। सदन में कई नेताओं ने अपने विचार और उम्मीदें व्यक्त कीं। सभी ने ओम बिरला से यह अपेक्षा जताई कि वे सबकी आवाज को समान रूप से सुनेंगे और सदन में लोकतंत्र की भावना को बनाए रखेंगे।
स्पीकर-डिप्टी स्पीकर सत्ता पक्ष
चिराग पासवान ने कहा कि चुनाव हो चुका है, अब हमें अपने क्षेत्रों के विकास के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कई राज्यों में स्पीकर और डिप्टी स्पीकर सत्ता पक्ष के लोग हैं, जहां NDA का शासन नहीं है। सुप्रिया सूले ने कहा कि कोविड के समय में आपने जो काम किया, वह सराहनीय था। उन्होंने कहा, “पांच साल में आपने बहुत अच्छा काम किया, लेकिन जब 150 लोग सस्पेंड हुए, तब सबको बहुत दुख हुआ। हम चाहते हैं कि सस्पेंशन न हो, सब मिलकर काम करें। बातचीत का विकल्प खुला रहे।”
हम जो खड़ी कर रहे दीवारें टूटनी चाहिए
शिवसेना के सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि देश के कई कानून तब पास हुए जब हम निष्कासित थे। उन्होंने कहा हम जो दीवारें खड़ी कर रहे हैं, ये दीवारें टूटनी चाहिए। उन्होंने मणिपुर मामले का जिक्र करते हुए कहा कि किसी के आंसू नहीं निकलते, किसान आंदोलन करते हैं, किसी को तकलीफ नहीं होती और बेरोजगार सड़कों पर धूमते हैं, लेकिन किसी को उनकी तकलीफ नहीं दिखती।
पांच साल का अनुभव
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि आपके पास पांच साल का अनुभव है और आप पुराने और नए सदन का अनुभव भी रखते हैं। हमें उम्मीद है कि आप विपक्ष की आवाज दबाने का काम नहीं करेंगे और न ही निष्कासन जैसी कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा, “आपका नियंत्रण विपक्ष पर तो रहेगा ही, सत्ता पर भी रहेगा। हमें उम्मीद है कि आपके इशारे पर सदन चलेगा, लेकिन इसका उल्टा नहीं होना चाहिए।”