एशियन गेम्स 2023 में भारत ने 107 मैडलों की झड़ी लगाकर सराहनीय कार्य किया है, जो काबिले तारीफ है। यह देश के हर नागरिक के लिए गौरव का पल है। वहीं बात खिलाड़ियों के बजट पर की जाए तो केंद्र सरकार पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि सरकार खिलाड़ियों के साथ पक्षपात कर रही है। पक्ष और विपक्ष के नेता स्वयं मोदी सरकार को ट्रॉल कर रहे हैं। उधर खिलाड़ियों के बजट पर घिरी भाजपा सरकार चुप्पी साधे हुए है।
एशियन गेम्स में खिलाड़ियों के मैडल की बात की जाए तो अकेले हरियाणा और पंजाब राज्य ने 70 से ज्यादा मैडल जीतकर भारत का मान बढ़ाया है। इतना ही नहीं, अकेले हरियाणा राज्य के खिलाड़ियों ने 44 मैडल जीतकर अपनी छाप देश के लोगों में दिलों में छोड़ी है, लेकिन फिर भी म्हारे खिलाड़ियों को केंद्र सरकार से मिले बजट पर संतुष्टि नहीं है। बजट के नाम पर खिलाड़ियों को निराशा हाथ लगी है। बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से हरियाणा के लिए 88.89 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है, जो कि खिलाड़ियों के परिश्रम और जीत के आगे काफी फीका दिखाई दे रहा है। इस प्रकार हरियाणा में खिलाड़ियों की पौध को कैसे बड़ा किया जा सकेगा। खिलाड़ियों के लिए जारी कम बजट खिलाड़ियों को आगे बढ़ने में बाधा बन सकता है।

वहीं मैडल जीतने की बात की जाए तो हरियाणा के एक ही गांव के 3 युवाओं ने एशियन गेम्स की कबड्डी प्रतियोगिता में मैडल लाकर प्रदेश की शान को चार चांद लगाए हैं। यह गांव है सोनीपत के हलका बरोदा का भैंसवाल। जहां के खिलाड़ियों ने अपनी मेहनत के बल पर देश को मैडल दिलवाए हैं। इतना ही नहीं गांव भैंसवाल के युवा अपनी शिक्षा के आधार पर नौकरियां पाने में काफी आगे हैं।
अब गोहाना से कांग्रेस विधायक जगबीर मलिक खिलाड़ियों के पक्ष में उतरे हैं और उन्होंने केंद्र सरकार से मिले खिलाड़ियों को बजट मामले में भाजपा को जमकर घेरा है। उनका दावा है कि प्रदेश के बच्चों ने देश को 22 प्रतिशत मैडल दिलवाने का काम किया है। जिनमें 5 प्रतिशत गोल्ड मैडल हैं, लेकिन फिर भी केंद्र सरकार ने उनके साथ विश्वासघात करने का काम किया है।

पाकिस्तान के बराबर हरियाणा का एक गांव ले आया मैडल
विधायक जगबीर मलिक का कहना है कि एशियन गेम्स 2023 में पाकिस्तान को 3 मेडल मिले हैं, जबकि हमारे प्रदेश के एक गांव भैंसवाल ने ही 3 मैडल लेकर पाकिस्तान को पछाड़ दिया है। उन्होंने कहा कि ज्यादा मैडल लाने के बावजूद केंद्र की मोदी सरकार म्हारे खिलाड़ियों के साथ धोखा कर रही है। खिलाड़ी से भेदभाव की नीति अपनाने का काम किया जा रहा है, जबकि सरकार को चाहिए कि खिलाड़ियों के लिए ज्यादा से ज्यादा बजट जारी कर उन्हें प्रोत्साहन के रूप में आगे बढ़ाने का काम किया जाए।

गुजरात को 0 मैडल लाने पर भी 608 करोड़ का बजट
विधायक जगबीर मलिक का आरोप है कि एशियन गेम्स 2023 में गुजरात राज्य की ओर से एक भी मैडल नहीं आया है। फिर भी गुजरात राज्य के लिए 608 करोड़ रुपये का खेल बजट जारी किया गया है, जबकि हरियाणा को 88.89 करोड़ का बजट दिया गया है। मलिक ने कहा कि बजट का अभाव होगा तो खेल नर्सरियों में म्हारे खिलाड़ियों को सुविधा कैसे मिलेगी। वह किस प्रकार आगे बढ़ पाएंगे। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सबका साथ सबका विकास का नारा देने वाली भाजपा सरकार का यह विश्वासघात है। ऐसे में हरियाणा के छोटे-छोटे गांवों से निकल रहे खिलाड़ियों का भविष्य कैसे उज्ज्वल हो सकता है।

प्रधानमंत्री के लिए सभी प्रदेश एक समान तो फिर मतभेद क्यों : श्वेता ढुल
सोशल एक्टिविस्ट श्वेता ढुल का कहना है कि एशियन गेम्स 2023 में 107 मैडल मिलने पर हर खिलाड़ी और हिंदुस्तानी बधाई का पात्र है। वह उन खिलाड़ियों को नमन करती हैं, जिन्होंने देश का नाम रोशन किया है। उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया स्कीम के तहत केंद्र सरकार ने विभिन्न राज्यों को खेल बजट जारी किया। जिनमें भेदभाव पूर्ण नीति को अपनाया गया है।

उन्होंने कहा कि जिस राज्य से ज्यादा मैडल आते हैं उस प्रदेश को केवल 88 करोड़, जबकि प्रधानमंत्री के गृह क्षेत्र गुजरात जहां से एक मैडल भी नहीं मिला, वहां 608 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है। उन्होंने कहा कि 76 मैडल लाने वाले दो राज्यों को 200 करोड़ रुपये का भी बजट नहीं, जबकि जीरो मैडल लाने वाले प्रदेश को 608 करोड़ रुपये का बजट जारी किया गया है। श्वेता ढुल ने कहा कि प्रधानमंत्री सभी प्रदेशों के लिए एक समान हैं। उनके लिए देश भी एक समान है तो हरियाणा और पंजाब राज्य के लिए ऐसा मतभेद क्यों किया गया।

एशियन गेम्स में विभिन्न प्रदेशों की ओर से प्राप्त किए गए मैडल और जारी बजट
राज्य कुल मैडल केंद्र सरकार से मिला बजट
हरियाणा 44 88.89 करोड़
पंजाब 32 93.71 करोड़
महाराष्ट्र 31 110.8 करोड़
उत्तर प्रदेश 21 503.02 करोड़
तमिलनाडु 17 33 करोड़
वेस्ट बंगाल 13 26.77 करोड़
राजस्थान 13 112.26 करोड़
मिजोरम 01 39 करोड़
गुजरात 00 608 करोड़
