➤पीएम मोदी ने द्वारका एक्सप्रेसवे और UER-2 का उद्घाटन किया
➤अमेरिका से टैरिफ वॉर के बीच ‘मेड इन इंडिया’ और लोकल प्रोडक्ट अपनाने की अपील
➤व्यापारी विदेशी सामान छोड़कर स्वदेशी उत्पाद बेचें, भारत की आत्मनिर्भरता पर जोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली के रोहिणी में देश के पहले 8 लेन एलिवेटेड हाईवे, द्वारका एक्सप्रेसवे और अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 (UER-2) का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने मंच से ‘मेड इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ को अपनाने का आह्वान किया। पीएम ने स्पष्ट कहा कि भारतीय होने के नाते हमें भारत में बने सामान ही खरीदने चाहिए और व्यापारी भी विदेशी सामान छोड़कर स्वदेशी उत्पाद बेचें। उन्होंने कहा, “दिवाली पर भी वही सामान खरीदें जो भारतीयों ने भारत में बनाया है।”
पीएम मोदी का यह संदेश ऐसे समय में आया है जब भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर तनाव है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रूस से तेल आयात के कारण भारतीय वस्तुओं पर कुल 50% टैरिफ लागू किया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पीएम मोदी ने स्वदेशी उत्पादों को अपनाने और देश की आत्मनिर्भरता को मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विदेशी दबाव के बावजूद भारत आत्मनिर्भर और उत्पादन क्षमता में मजबूत बन रहा है।
उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी ने रिमोट से दोनों प्रोजेक्टों का उद्घाटन किया और जनता को संबोधित किया। उन्होंने मोबाइल निर्माण, खिलौने निर्माण और अन्य उत्पादों में भारत की आत्मनिर्भरता पर प्रकाश डाला। पीएम मोदी ने कहा कि पहले भारत मोबाइल और खिलौने भी आयात करता था, लेकिन आज देश में हर साल 30-35 करोड़ मोबाइल फोन बनते हैं और 100 से अधिक देशों में खिलौने निर्यात किए जा रहे हैं।
कार्यक्रम से पहले पीएम मोदी ने द्वारका एक्सप्रेसवे पर काम कर रहे मजदूरों से बातचीत की, उनके अनुभव सुने और अधिकारियों से प्रोजेक्ट की जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने रोहिणी से बक्करवाला तक रोड शो किया, जिसमें उन्होंने हाईवे किनारे खड़े लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। इस मौके पर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी भी मौजूद रहे।
पीएम मोदी का यह संदेश साफ है कि विदेशी दबाव के बीच स्वदेशी उत्पादों को अपनाना और भारत की आर्थिक आत्मनिर्भरता को मजबूत करना आवश्यक है। व्यापारी अब ज्यादा मुनाफा के लिए विदेशी सामान लाने की बजाय लोकल उत्पादों को बढ़ावा दें, जिससे भारत की उत्पादन क्षमता और निर्यात और मजबूत होगा।