प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में आयोजित एक 8 किमी लंबे रोड शो में भारी भीड़ के साथ भारतीय संस्कृति का प्रमोशन किया। इस शो का आयोजन महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट से शुरू हुआ और अयोध्या धाम जंक्शन पर समाप्त हुआ। यहां प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या धाम जंक्शन का उद्घाटन किया और रोड शो के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों का स्वागत किया। इस अद्भुत यात्रा में करीब एक लाख लोगों ने 51 जगहों पर प्रधानमंत्री का स्वागत किया।
बता दें कि अयोध्या में राम के जयकारों और भजनों की गूंज में आज सिर्फ धार्मिक महौल है। 12 जगहों पर संत-महंत और 23 संस्कृत विद्यालयों के 1895 वैदिक छात्रों ने मंत्र और शंख ध्वनि से स्वागत किया। इसके बाद मोदी महर्षि वाल्मीकि अंतर्राष्ट्रीय अयोध्या धाम एयरपोर्ट का इनॉगरेशन करने पहुंचे। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने 16 हजार करोड़ रुपये के परियोजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास भी किया। ड्रोन के माध्यम से शहर की निगरानी हो रही है और पूरे शहर को सजाया गया है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार राम नगरी पहुंचे है, पहली बार 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर भूमि पूजन में और दूसरी बार 23 अक्टूबर 2022 को दीपोत्सव में शामिल हुए थे।
राज्यपाल आनंदीबेन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया मोदी का स्वागत
रोड शो से हम इस सार्वजनिक जगह का अंदाजा लगा सकते हैं, जिसमें मोदी ने एयरपोर्ट से शुरू होकर अयोध्या धाम जंक्शन के लिए निकलते हुए लोगों का स्वागत किया। रोड के दोनों किनारों पर लोग श्रीराम के जयकारों में मग्न थे और मोदी ने उनका अभिवादन स्वीकार किया।
राज्यपाल आनंदीबेन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एयरपोर्ट पर मोदी का स्वागत किया और उन्होंने अयोध्या धाम जंक्शन का उद्घाटन किया। इसके बाद मोदी ने अयोध्या रेलवे स्टेशन को भी देखा, जिसके निर्माण में 25 एकड़ की भूमि का उपयोग किया गया है।
स्टेशन पर अनेक सुविधाओं सहित कमरे भी शामिल
अयोध्या रेलवे स्टेशन की अद्वितीय जानकारी के अनुसार यह स्टेशन राम मंदिर के समान बनकर तैयार किया गया है। जिसमें यात्रियों के लिए 6 लिफ्ट, 4 एस्केलेटर, दिव्यांगों के लिए विशेष सुविधाएं, डोरमेट्री, फूड प्लाजा और आवश्यकतानुसार बनाए गए कमरे शामिल हैं।
इसके अलावा स्टेशन में 7 एंट्री और 7 एग्जिट गेट हैं तथा परिसर में वाटर टैंक भी है। समाचार के माध्यम से हमें यह पता चलता है कि अयोध्या में हुई इस उत्कृष्ट घटना में व्यापक सुधारों के साथ-साथ धार्मिक संस्कृति को भी महत्त्व दिया गया है।