Manipur में केंद्र सरकार ने गुरुवार को राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया। यह निर्णय मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के चार दिन बाद लिया गया। बीरेन सिंह ने 9 फरवरी 2025 को गवर्नर को अपना इस्तीफा सौंपा था।
21 महीने से जारी हिंसा में 300 से अधिक मौतें
राज्य में 3 मई 2023 से जातीय हिंसा लगातार जारी है, जिसके कारण अब तक 300 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। हिंसा के चलते बीरेन सिंह पर इस्तीफे का भारी दबाव था। विपक्षी पार्टियां भी इस मुद्दे पर लगातार NDA से सवाल उठा रही थीं।
ITLF की मांग: अलग प्रशासन
कूकी समुदाय की संस्था ITLF के प्रवक्ता गिन्जा वूलजोंग ने कहा कि बीरेन सिंह ने मणिपुर विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव में हार के डर से इस्तीफा दिया है। हाल ही में उनका एक ऑडियो टेप लीक हुआ था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान में लिया। इस स्थिति के कारण भाजपा के लिए उन्हें बचाना मुश्किल हो गया। ITLF ने अपनी मांग दोहराई कि कूकी समुदाय के लिए अलग प्रशासन की आवश्यकता है, क्योंकि मैतेई समुदाय ने उन्हें अलग कर दिया है।

राहुल गांधी की टिप्पणी: पीएम मोदी को मणिपुर जाना चाहिए
बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि हिंसा और जनहानि के बावजूद पीएम मोदी ने बीरेन सिंह को पद पर बनाए रखा। राहुल गांधी ने कहा कि अब बढ़ते दबाव, सुप्रीम कोर्ट की जांच और कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव के कारण बीरेन सिंह इस्तीफा देने को मजबूर हुए। उन्होंने पीएम मोदी से अपील की कि वह तुरंत मणिपुर जाएं, वहां के लोगों से बात करें और यह बताएं कि वे शांति बहाल करने के लिए क्या योजना बना रहे हैं।
बीरेन सिंह का माफीनामा: “मुझे खेद है”
दिसंबर 2024 में बीरेन सिंह ने मणिपुर में हुई हिंसा और जनहानि के लिए माफी मांगी थी। उन्होंने कहा था कि यह पूरा साल राज्य के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था और जो भी हुआ, उसके लिए उन्हें गहरा दुख है। उन्होंने कहा, “मुझे मणिपुर के लोगों से माफी मांगने का मन है, क्योंकि कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया और कई लोगों ने अपना घर छोड़ दिया।”
हिंसा का विवरण
3 मई 2023 से मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसा जारी है। बीरेन सिंह ने बताया कि मई 2023 से अक्टूबर 2023 तक गोलीबारी की 408 घटनाएं दर्ज की गईं, नवंबर 2023 से अप्रैल 2024 तक 345 घटनाएं हुईं, और मई 2024 से अब तक 112 घटनाएं सामने आईं। हालांकि, पिछले महीने से राज्य में शांति बनी हुई है और कोई नई हिंसा की घटना नहीं हुई। सरकारी दफ्तरों का काम नियमित हो चुका है, और स्कूलों में बच्चों की तादाद बढ़ रही है।