भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने रेपो दर में 25 आधार अंक (0.25%) की कटौती करने का ऐलान किया है। इस फैसले से भारतीय अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिलने की उम्मीद है, खासतौर पर किफायती आवास (Affordable Housing) सेक्टर को। रियल एस्टेट, इंडस्ट्री, आम आदमी और बाजार पर इसका क्या असर होगा? आइए विस्तार से समझते हैं।
होम लोन होगा सस्ता, ईएमआई में राहत
रेपो रेट में कटौती का सबसे बड़ा फायदा यह है कि बैंकों को सस्ती दरों पर कर्ज मिलेगा, जिससे होम लोन, कार लोन और अन्य ऋणों की ब्याज दरें कम हो सकती हैं। इसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा, ईएमआई कम होगी और बचत बढ़ेगी। अगर आप नया घर खरीदने की सोच रहे हैं या पहले से लिए लोन की ईएमआई चुका रहे हैं, तो यह आपके लिए खुशखबरी है।
किफायती आवास को मिलेगी रफ्तार
रियल एस्टेट बिजनेस से जुड़े जानकारों के अनुसार, पिछले एक-डेढ़ साल में उच्च ब्याज दरों के कारण किफायती आवास सेक्टर प्रभावित हुआ था। अब, रेपो दर में कटौती से इस सेक्टर को नई ऊंचाई पर ले जाने का अवसर मिलेगा। आसान फाइनेंसिंग से मध्यम और निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए घर खरीदना आसान होगा, जिससे रियल एस्टेट सेक्टर को बूस्ट मिलेगा।
उद्योगों और स्टार्टअप्स को भी फायदा
इंडस्ट्री के लिए भी यह राहत भरा फैसला है। कम ब्याज दरों पर लोन मिलने से कारोबारी ज्यादा निवेश कर पाएंगे, जिससे नई फैक्ट्रियां, स्टार्टअप्स और बिजनेस बढ़ेंगे। जब इंडस्ट्री को कम लागत में पैसा मिलेगा, तो वे अपने प्रोजेक्ट्स को तेजी से आगे बढ़ा सकेंगे, जिससे नौकरियों के अवसर भी बढ़ेंगे।
देश की अर्थव्यवस्था को मिलेगी नई गति
विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला भारत की अर्थव्यवस्था को 7-8% विकास दर तक ले जाने में मदद कर सकता है। कम ब्याज दरों से निवेश और खर्च बढ़ेगा, जिससे बाजार में तेजी आएगी और आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी। जब लोगों को सस्ते लोन मिलेंगे, तो वे अधिक खर्च करेंगे, जिससे बाज़ार में मांग बढ़ेगी और विकास की रफ्तार तेज होगी।
महंगाई पर भी नियंत्रण
एक और बड़ा फायदा यह है कि रेपो रेट में कटौती से महंगाई को नियंत्रित रखने में मदद मिलेगी। जब बैंकों को कम ब्याज पर पैसा मिलेगा, तो वे कर्ज भी सस्ते में देंगे, जिससे लोगों की क्रय शक्ति (purchasing power) बढ़ेगी। इससे बाजार में संतुलन बना रहेगा और महंगाई पर काबू पाने में मदद मिलेगी।
नए साल की दोहरी खुशी – टैक्स में राहत और अब सस्ते लोन
पहले इनकम टैक्स में छूट, अब रेपो रेट में कटौती। सरकार और आरबीआई दोनों आम आदमी की जेब में ज्यादा पैसा छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इससे न केवल घर, कार, और बिजनेस लोन सस्ते होंगे, बल्कि बचत भी बढ़ेगी।