घर एक ऐसी जगह है, जहां पर व्यक्ति सुकून का अहसास करता है। लेकिन यदि घर में कलह की स्थिति दिखाई दें, तो जिंदगी उथल-पुथल सी नजर आने लगती है। दुनिया में आप चाहे, कहीं पर भी रहे, लेकिन घर पहुंचकर जिस शांति का अनुभव होता है, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।
यह देखने में आता है कि जिन घरों में पहले से ही अनबन व क्लेश का माहौल होता है, वहां पर व्यक्ति हमेशा ही तनावग्रस्त महसूस करता है। कभी-कभी परिवार के सदस्यों के बीच किसी बात को लेकर नाराजगी होना स्वाभाविक है, लेकिन हमेशा ही ऐसा होता हो, तो यह जरूरी हो जाता है कि घर के वातावरण को खुशनुमा बनाने के लिए कुछ अतिरिक्त उपाय किए जाएं। कई बार तो यह भी देखने में आता है कि घर के सदस्यों के बीच कोई मन-मुटाव नहीं होता है, लेकिन फिर भी उनके बीच एक अजीब सा तनाव का माहौल बना रहता है।
घर के बुजुर्ग व्यक्ति दक्षिण या पश्चिम दिशा में बैठें
कहा जाता है कि पुराने समय में बुजुर्गों सहित बच्चें भी अपने बैठने की स्थिति पर ध्यान देते थे, कभी भी घर के छोटे सदस्य बुजुर्गों के बराबर बैठने का प्रयास नहीं करते थे, परंतु अब इन बातों को इतना महत्व नहीं दिया जाता है। घर के एक ही ड्राइंग रूम में सोफे पर सभी समान रूप से बैठते है।
वहीं आपके बैठने की दिशा का भी गहरा असर पारिवारिक रिश्तों पर पड़ता है, इसलिए जब भी परिवार के सदस्य ड्राइंग रूम आदि में बैठते हैं, तो कोशिश करें कि घर के सीनियर व्यक्ति दक्षिण या पश्चिम दिशा में बैठें। वहीं अपने से छोटे उम्र के लोगों या व्यक्तियों को आप पूर्व व उत्तर दिशा में बैठने के लिए कह सकते हैं।
सुबह जल्दी से जल्दी उठने का करें प्रयास
शास्त्रों के अनुसार सुबह सूरज निकलने के साथ ही उठने पर घर में भगवान का वास होता है और घर की दरिद्रता दूर होती है। वहीं घर में शांति का माहौल बना रहता है, इसलिए कोशिश करें कि घर के सदस्यों के सुबह उठने का समय लगभग आस-पास ही होना चाहिए।
कई बार ऐसा होता है कि घर का एक सदस्य छह बजे उठता है, तो दूसरा बारह बजे उठता है। ऐसे परिवार में अक्सर कलह का माहौल बना रहता है। ऐसा करने से सुबह-सुबह मिलने वाली ऊर्जा जिससे व्यक्ति को ज्ञान, बुद्धि व विवेक मिलता है, उसे हम खो देते हैं।
प्लास्टिक का इस्तेमाल करें कम, एनर्जी होती है दुष्प्रभावित
आजकल घरों में प्लास्टिक का इस्तेमाल होना बेहद आम हो गया है। लेकिन यह देखने में आता है कि जिन घरों में प्लास्टिक का इस्तेमाल जरूरत से ज्यादा होता है। मसलन, प्लास्टिक के पौधे से लेकर लोग प्लास्टिक के फर्नीचर का इस्तेमाल करते हैं, वहां पर लोगों के आपसी संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
ऐसा इसलिए भी होता है, क्योंकि प्लास्टिक के अत्यधिक इस्तेमाल से आपकी बॉडी की एनर्जी दुष्प्रभावित होती है। अगर आप प्लास्टिक के फर्नीचर पर बैठकर आपस में चर्चा कर रहे हैं, तो वहां पर कोई मेजपोश या कपड़ा बिछा दें। अगर संभव हो तो घर में प्लास्टिक की जगह लकड़ी के फर्नीचर का इस्तेमाल करने की कोशिश करें।
एक गिलास पानी में नमक मिलाकर रखें
घर से किसी भी तरह के आर्थिक संकट को दूर रखने के लिए कांच के एक गिलास में पानी भरकर उसमें नमक मिलाए और फिर घर के नैऋत्य कोण यानी दक्षिण पश्चिम कोने में रख दें। इसके साथ ही जहां गिलास रखे वहां पर एक बल्ब लगा दें और बल्ब को कुछ इस प्रकार से लगाना है कि उस बल्ब की रोशनी सीधे रूप से गिलास पर पड़नी चाहिए। वहीं जब भी गिलास का पानी सूख जाए तो उसे धोकर फिर से पानी में नमक मिलाकर रख दें, ऐसा करने से घर से आर्थिक तंगी दूर होती है।
रिश्तों की कड़वाहट दूर होती है और शांति का वास होता है। वहीं यदि नकारात्मकता मिटानी है, तो नमक के पानी से नहाएं ऐसा करने से घर से नकारात्मकता समाप्त हाती है। साथ ही घर में नमक के पानी का पौछा लगाएं। वहीं घर में धन की वृद्धि करने के लिए एक कांच की कटोरी में मोटा नमक लें और उसे घर के किसी भी कोने में रख दें, ऐसा करने से घर में धन की वृदधि होती है।