The country's first Buddhist monastery is being built in Yamunanagar

Haryana के इस जिले में बनेगा देश का पहला बौध्द मठ, Thailand से आए बौद्ध भिक्षुओं ने किया शिलान्यास, 28 एकड़ भूमि पर बनकर होगा तैयार

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हरियाणा और हिमाचल की सीमा के साथ लगे गांव रामपुर गेंदा में जो शिवालिक पहाड़ियों पर बौद्ध मठ का निर्माण होने जा रहा है। जिसका शिलान्यास थाईलैंड से आए बौद्ध भिक्षु अजहन जयसरो मैथेरो और अजहन केवली मैथेरो ने किया। यह मठ 28 एकड़ भूमि पर बनेगा। ​जिसमें देश के ही नहीं बल्कि विदेश के ​बौद्ध धर्म से जुड़े ​भिक्षु यहां ​शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। वहीं भविष्य में बनने वाले इस कल्याणमित्र मठ से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

मीडिया से बातचीत में भिक्षु जयसरो और महापुण्य मैथेरो ने कहा कि यह जगह पवित्र है और ​​भिक्षुओं के लिए यहां साधना करने के लिए भी उचित स्थान है। इसके बनने से बौद्ध धर्म का प्रचार होगा, वहीं लोगों को भगवान बुद्ध से जुड़ा ज्ञान भी प्राप्त हो सकेगा। महापुण्य मैथेरो ने बताया कि यह भारत में पहला बौद्ध मठ बनने जा रहा है। जिससे व्यक्ति की आत्मा को शांति और शुद्ध मिलेगी। उन्होंने बताया कि पूरे विश्व में सिर्फ 33 बौद्ध मठ का अभी तक निर्माण किया गया है लेकिन हम ये अपना साम्राज्य स्थापित करने या बढ़ाने के लिए नहीं कर रहे हैं बल्कि गौतम बुद्ध की शिक्षा लोगों तक पहुंचे, यहीं हमारा लक्ष्य है।महापुण्य मैथेरोने कहा कि भारत में बौद्ध धर्म का शुरुआती प्रचार हुआ लेकिन थाईलैंड ने इसे अपनाया और आज 300 से ज्यादा बौद्ध मठ वहां पर बने है।

बौध्द मठ बनने से गांव के लोगों को ज्यादा खुशी

देश के सभी राज्य और शहरों को छोड़कर यमुनानगर में बन रहे इस बौद्ध मठ के बनने से आसपास के ग्रामीणों में काफी खुशी है। आसपास के ग्रामीण इस ऐतिहासिक पल के ग्वाह बने। रामपुर गेंदा गांव की महिला निशा और रीना ने बताया कि बौद्ध मठ बनने से हमारे गांव की काया पूरी तरह से पलट जाएगी। मठ बनने से न सिर्फ आसपास के इलाके में तरक्की होगी बल्कि बुद्ध के बारे में भी हमें शिक्षा मिलेगी। यह हमारा सौभाग्य है कि हम इसे अपनी आंखों से देख रहे हैं और इसके लिए हमें विदेशों में भी नहीं जाना पड़ेगा।

भारतीय मूल के लोग ले सकेंगे गौतम बुद्ध के बारे में शिक्षा

थाईलैंड से आए भिक्षुओं ने इसका शिलान्यास किया है। गांव की महिलाओं ने बताया कि जल्द ही यह मठ बनकर तैयार हो जाएगा। हालांकि इसके निर्माण में करोड़ों रुपए खर्च आएगा। बड़ी बात यह है कि जो लोग बौद्ध धर्म में आस्था रखते हैं उन्हें विदेश नहीं जाना पड़ेगा बल्कि यमुनानगर में बन रहे इस मठ में आकर शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं। दूसरी बड़ी बात ये है कि यमुनानगर जिले को न सिर्फ पर्यटन की दृष्टि से तवज्जो मिलेगी बल्कि विदेश में यमुनानगर का नाम प्रमुखता से लिया जाएगा।

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