देश में दुर्लभ बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए राहत की खबर है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में दुर्लभ बीमारियों की सूची में चार नई बीमारियाँ जोड़ दी हैं, जिनमें एक्सवाई डिसऑर्डर, जन्मजात हाइपरइंसुलिनिक हाइपोग्लासिमिया, पारिवारिक समजात हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया, और मैनोसिडोसिस शामिल हैं। इन बीमारियों के उपचार की लागत बहुत अधिक होती है, लेकिन अब राष्ट्रीय दुर्लभ बीमारी नीति के तहत प्रत्येक मरीज को 50 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाएगा।
देश में 4500 दुर्लभ बीमारियाँ, 10 करोड़ तक लोग हो सकते हैं प्रभावित
वर्ष 2021 में केंद्र सरकार ने दुर्लभ बीमारियों को लेकर राष्ट्रीय नीति बनाई थी, जिसके तहत अब तक 61 बीमारियों को शामिल किया जा चुका है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि भारत में लगभग 4500 तरह की दुर्लभ बीमारियाँ मौजूद हैं, जो लगभग 7 से 10 करोड़ लोगों को प्रभावित कर सकती हैं। इन बीमारियों की पहचान और उपचार दोनों ही चुनौतीपूर्ण और खर्चीले होते हैं।
मरीजों को मिलेगी बड़ी राहत
नई घोषणा के मुताबिक, अब इन बीमारियों से पीड़ित मरीजों को सरकारी सहायता के तहत 50 लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त मिलेगा। इससे उन परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी जो भारी चिकित्सा खर्च के कारण इलाज कराने में असमर्थ रहते थे।