Unique puja at Gyanvapi basement after 31 years at 11 pm

Gyanvapi तहखाने में 31 वर्षों बाद रात के 11 बजे अनोखी पूजा, 8 घंटे में Court आदेश का पालन, Kashi Vishwanath Trust के 5 पुजारियों ने उतारी गणेश-लक्ष्मी की आरती

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वाराणसी के ज्ञानवापी तहखाने में 31 सालों के बाद बुधवार रात 11 बजे एक अनोखी पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर और अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे। वहीं दीप जलाकर गणेश-लक्ष्मी की आरती उतारी गई और तहखाने की दीवार पर धार्मिक चिन्हों की पूजा भी की गई। इस कदम का पालन करते हुए प्रशासन ने वाराणसी कोर्ट के आदेशो का पालन सिर्फ 8 घंटे में शुरू कर दिया।

ज्ञानवापी के तहखाने में पूजा करने वाले व्यास परिवार ने 1993 तक नियमित रूप से पूजा का आयोजन किया था। उन्होंने गुरुवार को मंदिर पहुंचकर इस पूजा की तैयारी की थी। जिसके बाद जिलाधिकारी एस राजलिंगम, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ शाम 7 बजे काशी विश्वनाथ धाम पहुंचे। रात 8 बजे से पहले आधिकारियों ने तहखाने की बाहरी जांच की और रात 9 बजे के आस-पास मंदिर की भीड़ को नियंत्रित कर दिया। जिसके बाद काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के कर्मचारियों ने बैरिकेडिंग हटाने का काम शुरू कर दिया। बैरिकेडिंग को लगभग एक घंटे में हटा दिया गया और फिर तहखाने की सफाई शुरू की गई। जिसके बाद ट्रस्ट के 5 पुजारी बुलाए गए और रात 11 बजे पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया।

Gyanvapi Aarti Court

मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट में मांगी राय

मामले की हाईकोर्ट की सबसे बड़ी कानूनी लड़ाई माना जा रहा है। मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट जाकर स्थिति के संदर्भ में राय मांगी और इसके बाद काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा के आदेश के बाद में कायम रखने का काम किया गया। आदेशों के तहत रात 11 बजे मंदिर में पूजा का आयोजन किया गया और जिसमें जनप्रति नहीं होने दी गई। पूजा के दौरान तहखाने में कमिश्नर बनारस, सीईओ विश्वनाथ मंदिर, एडीएम प्रोटोकॉल, गणेश्वर शास्त्री द्रविड और पंडित ओम प्रकाश मिश्रा मौजूद रहे।

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काशी विश्वनाथ के गर्भगृह पुजारी ने की पूजा

वहीं पूजा का आयोजन करने वाले मुख्य पुजारी ओम प्रकाश मिश्रा हैं, जो काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह के पुजारी हैं। उन्होंने मंत्रोच्चार कर गौरी गणेश और लक्ष्मी का आह्वान किया और देवी-देवताओं की पूजा की। तहखाने की दीवार पर भगवा वस्त्र लगाकर देवी-देवताओं को नैवेद्य, फल एवं भोग लगाए और आरती उतारी गई। घटना से संबंधित आधिकारियों ने बताया कि यह कदम केवल कानूनी मामले को ध्यान में रखकर उठाया गया है और जिसमें जनप्रति का कोई प्रभाव नहीं होने दिया गया।

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चरणामृत और प्रसाद बांटने का बढ़ा भक्तिभाव

वहीं विश्वनाथ मंदिर के प्रबंधकीय स्तर पर हलचल मची है और सभी तरफ तहलका मचा हुआ है। लोगों में चरणामृत और प्रसाद बांटने के बाद भक्तिभाव बढ़ा है। आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने कलश स्थापित किया। घटना के माध्यम से स्पष्ट होता है कि प्रशासन ने कोर्ट के आदेश का पूरा पालन करते हुए समाज में आपसी समझ और शांति बनाए रखने के लिए विशेष घटना का आयोजन किया है।

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