● कांग्रेस, AIMIM, AAP ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आंदोलन की चेतावनी
● विपक्ष का आरोप- संविधान और अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला, भाजपा का बचाव- दुरुपयोग रोकने को लाया कानून
Wakf Amendment Act राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार देर शाम वक्फ (संशोधन) विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी, जिससे यह अब कानून बन चुका है। इस पर केंद्र सरकार ने गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। हालांकि, इस कानून को कब से लागू किया जाएगा, इसकी तारीख का ऐलान एक अलग अधिसूचना के जरिए होगा।
यह विधेयक 2 अप्रैल को लोकसभा में और 3 अप्रैल को राज्यसभा में लंबी बहस के बाद पारित हुआ था। लोकसभा में 288 सदस्यों ने इसके पक्ष में और 232 ने विरोध में वोट दिया, जबकि राज्यसभा में इसे 128 समर्थन और 95 विरोधी मत मिले।
कानून बनने के तुरंत बाद, इस पर तीखी राजनीतिक और धार्मिक प्रतिक्रिया देखने को मिली। कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और आप विधायक अमानतुल्लाह खान ने सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती देते हुए तीन अलग-अलग याचिकाएं दायर कीं। याचिकाओं में कहा गया कि यह कानून मुस्लिम समुदाय के साथ भेदभाव करता है और उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।
वहीं, केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने इसे एक “सुधारात्मक कदम” बताया और कहा कि इस कानून का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों में हो रहे दुरुपयोग, पक्षपात और अतिक्रमण को रोकना है।
उधर, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने भी विरोध जताते हुए इसे इस्लामी मूल्यों, धार्मिक स्वतंत्रता और भारतीय संविधान के बुनियादी ढांचे पर हमला बताया है। बोर्ड ने कहा है कि वह सभी धार्मिक और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू करेगा।
राजनीतिक स्तर पर भी यह कानून एक बड़ा मुद्दा बन गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा कि वक्फ की जमीन किसको दी जाएगी? अंबानी-अडाणी को? वहीं, राहुल गांधी ने इसे मुसलमानों पर हमला करार देते हुए कहा कि RSS की नजर अब कैथोलिक चर्च की जमीन पर है। PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती और NC सांसद आगा सैयद रूहुल्लाह ने भी इसे अल्पसंख्यकों के खिलाफ षड्यंत्र बताया है।
इस प्रकार, यह कानून पारित होते ही न केवल संवैधानिक और धार्मिक बहस का विषय बन गया है, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक तनाव का कारण भी बन गया है। सुप्रीम कोर्ट में लंबित याचिकाएं अब इसका भविष्य तय करेंगी।