साल 2006 में फर्जी एनकाउंटर मामले में ट्रायल कोर्ट से बरी होने वाले एनकाउंटर स्पेशलिस्ट Pradeep Sharma को बॉम्बे हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने गैंगस्टर छोटा राजन के करीबी सहयोगी लखन भैया के एनकाउंटर के केस में मंगलवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। मुंबई पुलिस के पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट Pradeep Sharma ने अपने करियर में कम से कम 112 गैंगस्टर्स को खत्म करने का दावा किया है। अब वर्सोवा में नाना नानी पार्क के पास लखन भैया की हत्या के मामले में मुंबई की एक अदालत द्वारा बरी किए जाने के 11 साल बाद 62 वर्षीय शर्मा को सजा सुनाई गई है।
Pradeep Sharma का जन्म आगरा में ही हुआ था। उनकी दो बेटियां हैं। पिता धुले, महाराष्ट्र के एक डिग्री कॉलेज में प्रोफेसर थे। प्रदीप शर्मा ने वहीं पर एमएससी किया था। वर्ष 1983 में महाराष्ट्र पुलिस के उप निरीक्षक बने थे। 25 साल के कॅरिअर में 300 से अधिक एनकाउंटर करने वाली टीम में शामिल होने की वजह से वह काफी चर्चा में आ गए थे। उन्होंने दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर को भी गिरफ्तार किया था।
आगरा से है खास नाता
मुंबई पुलिस में पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से चर्चित Pradeep Sharma का आगरा से भी नाता रहा है। परिवार के लोग हरीपर्वत स्थित लता कुंज काॅलोनी में रहते थे। वह अक्सर परिजनों से मिलने के लिए यहां आया करते थे। वर्ष 2019 में नौकरी छोड़कर महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव भी लड़़ा था। मगर, हार का सामना करना पड़ा था। उनको सजा की जानकारी पर लोग हतप्रभ हो गए।
बर्खास्तगी के बाद बहाली
अगस्त 2008 को महाराष्ट्र सरकार ने अंडरवर्ल्ड सहित अपराधियों के साथ संलिप्तता और संपर्क के कारण Pradeep Sharma को बर्खास्त कर दिया था। उनके कई अपराधियों से संपर्क के सुबूत मिले थे। मगर, उन्होंने खुद को निर्दोष बताया था। उन्होंने छोटा राजन गिरोह पर उन्हें फंसाने का आरोप लगाया था। वर्ष 2009 में राज्य न्याय न्यायाधिकरण ने आरोपों को खारिज करते हुए बहाल करने के आदेश दिए थे। इस पर उन्हें पुन: नौकरी मिल मिल गई थी। Pradeep Sharma वर्ष 2010 में राजन गैंग के सदस्य राम नारायण गुप्ता उर्फ लखन भैया के फर्जी मुठभेड़ केस में नवंबर 2006 में गिरफ्तार किए गए थे। जेल में 4 साल बिताने के बाद उन्हें वर्ष 2013 में बरी कर दिया गया था।
साल 2017 में उन्हें बहाली मिल गई थी। जुलाई 2019 में पुलिस की नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने शिवसेना जॉइन कर ली थी। उन्होंने नालासोपारा से विधानसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2021 में उनको फिर से एनआईए ने गिरफ्तार किया। उनका नाम एंटीलिया विस्फोटक कांड और मनसुख हिरेन हत्याकांड में सामने आया था। राम नारायण गुप्ता उर्फ लखन भैया के केस में अभियोजन पक्ष और मृतक के भाई की अपील पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने बरी करने के आदेश को पलटते हुए सजा सुनाई।
डी कंपनी पर कसा था शिकंजा
वर्ष 1999 में छोटा राजन के सहयोगी विनोद मातकर पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। एनकाउंटर में तब भी Pradeep Sharma की टीम रही थी। छोटा राजन ने विनोद के गैंग का चयन पाकिस्तान में बैठे दाऊद इब्राहिम को खत्म करने के लिए किया था। प्रदीप शर्मा की टीम का नाम कई आतंकियों को मार गिराने में भी आया था।