Mizoram Election Results 2023 Live Update : मिजोरम 40 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव के बाद आज मतगणना जारी है। शुरुआत रुझानों में जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) लीड कर रही है। मिजोरम राज्य में चुनाव के लिए 7 नवंबर को वोटिंग हुई थी। आज मतगणना के दौरान यहां 174 प्रत्याशियों के भविष्य की किस्मत का निर्णय आएगा।
चुनाव आयोग के अनुसार मिजोरम में जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) ने 25 सीटों पर जीत दर्ज करते हुए 40 सदस्यों वाली विधानसभा में बहुमत हासिल कर लिया है। फिलहाल जेडपीएम दो सीटों पर आगे चल रही है। वहीं मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) ने 8 सीटों पर जीत दर्ज की है और दो सीटों पर आगे चल रही है। वहीं मिजोरम में भाजपा का दो सीटों पर कब्जा हो चुका है। वहीं आइजोल पूर्व-1 निर्वाचन क्षेत्र में जेडपीएम के लालथनसांगा ने मौजूदा मुख्यमंत्री जोरमथांगा को हरा दिया है। मुख्यमंत्री को 2101 वोटों से करारी हार मिली है।

उधर जेडपीएम पार्टी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार लालदुहोमा का कहना है कि वह कल या परसों राज्यपाल से मुलाकात कर सकते हैं। उनका कहना है कि इसी माह शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया जाएगा। लालदुहोमा का कहना है कि मिजोरम वित्तीय संकट का सामना कर रहा है। यही हमें निवर्तमान सरकार से विरासत में मिलने जा रहा है। हम अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने जा रहे हैं। वित्तीय सुधार जरूरी हैं और उसके लिए हम संसाधन जुटाने जा रहे हैं।
जानिए कौन हैं जेडपीएम पार्टी के सीएम उम्मीदवार लालदुहोमा
एमएनएफ और कांग्रेस के अलावा मिजोरम में तीसरी बड़ी पार्टी जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) है। जिसके प्रमुख नेता लालदुहोमा हैं। लालदुहोमा एक पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं। यह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सिक्योरिटी संभाल चुके हैं। गत दिनों जब राहुल गांधी की जब संसद सदस्यता गई थी तो लालदुहोमा एक बार फिर चर्चा में आ गए थे। बता दें कि लालदुहोमा ने वर्ष 1984 में मिजोरम से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा सीट जीती थी। बाद में उनका प्रदेश के कांग्रेस नेताओं से मतभेद हो गया और उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। वह वर्ष 1988 में दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित होने वाले पहले लोकसभा सांसद बने। वर्ष 2018 में लालदुहोमा ने आइजोल पश्चिम-I और सेरछिप से निर्दलीय चुनाव जीता।
वहीं जेडपीएम के उपाध्यक्ष डॉ. केनेथ चवांगलियाना का कहना है कि वह पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाने जा रहे हैं। जीत के बाद उनकी प्राथमिकता खेती, खाद्यान्न उगाने में आत्मनिर्भर बनने, बिजली एवं संचार को बढ़ाने और युवाओं के मुद्दों को सुलझाने पर कार्य किए जाएंगे।

मिजोरम में वर्ष 1984 से कभी कांग्रेस तो कभी मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) की सरकार सत्ता पर काबिज रही है। इस बार यह देखना काफी रोचक भरा रहेगा कि एमएनएफ के जोरमथांगा अपनी सरकार को बचा पाते हैं या फिर पूर्व आईपीएस लालदुहोमा की नेतृत्व में बनी नई राजनीतिक पार्टी जोरम पीपुल्स मूवमेंट कोई नई राजनीतिक समीकरण बनाएगी। चुनाव आयोग की मानें तो अब तक 13 सीटों पर चुनावी परिणाम सामने आ चुका है। जोरम पीपुल्स मूवमेंट ने 11 सीटों पर जीत हासिल कर ली है, जबकि अन्य दो सीटों पर अलग-अलग पार्टी ने अपना कब्जा किया है।

इनमें से एक सीट पर मिजो नेशनल फ्रंट (एनएमएफ) और एक सीट पर भाजपा ने अपना परचम लहराया है। उप मुख्यमंत्री के बाद अब मिजोरम के स्वास्थ्य मंत्री और एमएनएफ प्रत्याशी आर लालथंगलियाना दक्षिण तुईपुई सीट पर जेडपीएम के जेजे लालपेखलुआ से मात खा गए हैं। लालपेखलुआ को 5468 वोट और एमएनएफ के आर लालथंगलियाना ने 5333 वोट हासिल किए हैं।

बता दें कि मिजोरम की 40 विधानसभा सीटों पर मिजो नेशनल फ्रंट, जोरम पीपुल्स मूवमेंट, कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला है। वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है। जोरम पीपुल्स मूवमेंट फिलहाल बहुमत के आंकड़े को पार करते नजर आ रही है। हालांकि पहले मिजोरम में मतगणना को लेकर 3 दिसंबर का दिन तय किया गया था, लेकिन चुनाव आयोग की ओर से 4 दिसंबर तक के लिए मतगणना को स्थगित कर दिया था। अभी तक सामने आए रुझानों में जोरम पीपुल्स मूवमेंट 29 सीट पर आगे चल रही है। सत्ताधारी मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) को 7, भाजपा को 3 और कांग्रेस को 1 सीट पर बढ़त मिली है।

मुख्यमंत्री जोरमथांगा पीछे, उप मुख्यमंत्री तावंलुइया हारे
गौरतलब है कि जोरम पीपुल्स मूवमेंट के प्रमुख लालदुहोमा हैं, जो एक पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं। लालदुहोमा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सिक्योरिटी भी संभाल चुके हैं। उनकी पार्टी ने दूसरी बार विधानसभा चुनाव लड़ा है। वर्ष 2018 के चुनाव में जेडपीएम को 8 सीटें मिली थीं।

बता दें कि मुख्यमंत्री जोरमथांगा आइजोल पूर्व-1 सीट पर पीछे चल रहे हैं। जेडपीएम के मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी लालदुहोमा अपने गृह क्षेत्र सेरछिप सीट पर बढ़त बनाए हुए हैं, जबकि मिजोरम कांग्रेस अध्यक्ष लालसावता आइजोल पश्चिम-3 सीट से पीछे चल रहे हैं। मिजोरम के उप मुख्यमंत्री तावंलुइया तुईचांग में जेडपीएम उम्मीदवार डब्ल्यू छुआनावमा से हार गए हैं। मिजो नेशनल फ्रंट के तावलुइया को 6079 वोट मिले हैं, जबकि जोरम पीपुल्स मूवमेंट के प्रत्याशी डब्ल्यू चुआनावमा को 6988 ने मत प्राप्त किए।

वर्ष 2018 में कांग्रेस के हाथ से चला गया था राज
वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनावों के परिणामों में कांग्रेस पार्टी को सत्ता से बाहर का रास्ता देखने को मिला। इससे पहले मिजोरम में कांग्रेस ने 10 साल तक राज किया। पी ललथनहवला चम्फाई साउथ और सेरछिप दोनों सीटों से चुनाव हार गए थे। मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) ने चुनाव जीतकर अपना परचम लहराया था। जीत के बाद जोरमथंगा मुख्यमंत्री बने थे। वर्ष 2018 में एमएनएफ को 26, कांग्रेस को 5, भाजपा को 1 और निर्दलीयों के खाते में 8 सीटें आई थीं।

वर्ष 2023 में मिजोरम में लालदुहोमा की पार्टी जेडपीएम अपनी सरकार बनाती दिख रही है। अब तक के आंकड़ों के अनुसार जेडपीएम सबसे आगे बढ़त बनाए हुए है। एक्जिट पोल की मानें तो मिजोरम में जेडपीएम को 16, सत्ताधारी मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) को 15, कांग्रेस को 7 और भाजपा को 1 सीट मिलने का अनुमान लगाया गया है।