Haryana में राजनीतिक स्थिति में हलचल मची है, जबकि कांग्रेस(Congress) पार्टी के नेता भूपेंद्र हुड्डा ने गवर्नर बंडारू दत्तात्रेय(Bandaru Dattatreya) से मिलकर वापस लौटने के बाद विधानसभा भंग करने की मांग की है। हुड्डा ने कहा कि यह मामला संवैधानिक है और गवर्नर को इसे देखना चाहिए। अगर इस पर कोई निर्णय नहीं होता है तो कोर्ट की ओर जाने की विचारणा की जा सकती है।
बता दें कि हरियाणा में वर्तमान में 90 सीटों की विधानसभा है, जिसमें 3 सीटें खाली हैं। अब 87 सीटों पर महत्वपूर्ण चुनावी संघर्ष जारी है, जहां से बहुमत की सीमा 44 सीटें है। वर्तमान में भाजपा के पास 43 विधायक हैं, जबकि विपक्ष में पहले 44 विधायक थे, लेकिन किरण चौधरी के भाजपा में शामिल होने से उनकी संख्या भी 43 हो गई है। भूपेंद्र हुड्डा ने सपा के साथ गठबंधन की बात की है और बताया कि उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे पर निर्णय लेने का इंतजार है।
उन्होंने कांग्रेस के भीतर गुटबाजी के आरोपों को खारिज किया और कहा कि पार्टी में ऐसी कोई गुटबाजी नहीं होती, टिकट व्यक्तिगत नहीं दी जाती, बल्कि हाईकमान द्वारा दी जाती है। उन्होंने राज्यसभा चुनाव की बात भी बताते हुए कहा कि कांग्रेस के पास स्थानांतरित करने के लिए पर्याप्त संख्या नहीं है, लेकिन अगर किसी अन्य दल से समर्थन मिलता है तो वे उम्मीदवार उत्तरदायी बनाएंगे। वर्तमान में कांग्रेस के पास 28 विधायक हैं और 3 निर्दलीय हैं, लेकिन उनकी संख्या वहां जीतने के लिए पर्याप्त नहीं है। वे उम्मीद कर रहे हैं कि अन्य दलों से सहयोग मिलने पर इस पर विचार किया जा सकेगा।
विभिन्न दल और गठबंधनों के बीच चर्चा
भूपेंद्र हुड्डा ने उपन्यासित किया कि वे कांग्रेस के हाईकमान के सामने ही अपने विचार रखते हैं और उन्होंने किरण चौधरी के टिकट वितरण पर भी अपनी राय दी। विधानसभा चुनावों से पहले हरियाणा में राजनीतिक संगठन गहराई से जुड़ गया है, जिसमें विभिन्न दल और गठबंधनों के बीच चर्चा हो रही है। इससे पहले भी राज्य में राजनीतिक स्थिति में उतार-चढ़ाव रहता है, लेकिन चुनावी समय में यह समाचार और राजनीतिक परिस्थितियों के आधार पर बदलता रहता है।