Congress leader Kiran Choudhary

Haryana Politics : कांग्रेस नेत्री Kiran Chaudhary का यूटर्न, Bhiwani-Mahendragarh सीट पर श्रुति चौधरी को टिकट नहीं मिलने से नाराज

राजनीति

Haryana Politics : हरियाणा में कांग्रेस नेत्री किरण चौधरी ने भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से बेटी श्रुति चौधरी की टिकट कटने के बाद समर्थकों के साथ बैठक की है। इस दौरान किरण चौधरी ने कहा कि वह कांग्रेस में ही रहेंगी और पार्टी का झंडा बुलंद करेंगी। उनका कहना है कि पार्टी का निर्देश सिर माथे पर।

इस दौरान किरण चौधरी ने कहा कि जिस प्रकार रावदान सिंह ने उनके पिछले चुनाव के दौरान जबरदस्त कार्य किया था, वह उससे भी जबरदस्त कार्य उनके लिए करेंगी। किरण ने कहा कि 10 दिन के अंदर कार्यकर्ताओं की बैठक लेकर ड्यूटी लगाई जाएगी। वहीं भिवानी सीट पर टिकट नहीं मिलने से श्रुति चौधरी का दर्द छलका है। उन्होंने कहा कि मैं सर्वे में भी ऊपर थी पार्टी में बहुत सी बातें होती है। जो निर्णय लिया गया है, उसके हिसाब से काम करेंगे। राव दान सिंह की मदद के सवाल पर श्रुति चौधरी ने कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी की मदद की जाएगी। हमारा यही उद्देश्य है कि कांग्रेस यहां से अपनी जीत दर्ज करवाए।

किरण चौधरी 2

बता दें कि कांग्रेस नेत्री किरण चौधरी बेटी श्रुति के लिए भिवानी से कांग्रेस की टिकट मांग रही थीं। इन्हीं के गुट के रणदीप सिंह सुरजेवाला और कुमारी सैलजा भी श्रुति की टिकट के लिए लगातार हाईकमान से पैरवी कर रहे थे, लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के करीबी राव दान सिंह को इस सीट पर अपना उम्मीदवार बनाया है। बता दें कि करीब 2 माह पहले बेटी श्रुति चौधरी की लोकसभा टिकट कटने की अटकलों के बीच किरण चौधरी के भाजपा में शामिल होने की चर्चाओं से बाजार गर्म था। हालांकि उस दौरान भी किरण चौधरी ने साफ किया था कि वह कांग्रेस में ही रहेंगी, भाजपा में जाने की चर्चा मात्र अफवाह है। वह पार्टी में रहकर ही कांग्रेस को और मजबूत करेंगी।

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श्रुति किरण चौधरी 2

माना जा रहा है कि श्रुति चौधरी को टिकट नहीं मिलने के बाद बंसीलाल परिवार हरियाणा की सियासत में 31 साल बाद लोकसभा चुनाव से आउट हो गया है। किरण चौधरी तोशाम विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक हैं। बंसीलाल परिवार की राजनीतिक विरासत को जिंदा रखने का सारा भार किरण चौधरी के कंधों पर है। कयास लगाए जा रहे हैं कि किरण चौधरी के सामने अब 3 विकल्प हैं। पहला वह बेटी श्रुति को निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़वा सकती हैं। दूसरा भाजपा में शामिल होकर अपना भविष्य सुरक्षित रख सकती हैं। इसके अलावा कांग्रेस में ही चुपचाप बैठकर कुछ महीनों में होने वाले विधानसभा चुनाव का इंतजार कर सकती हैं।

गौरतलब है कि किरण चौधरी हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल के बेटे स्वर्गीय सुरेंद्र सिंह की पत्नी हैं। सुरेंद्र सिंह हरियाणा में मंत्री रहे। वहीं किरण चौधरी भी भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार के दोनों कार्यकाल में मंत्री रहीं। किरण चौधरी वर्ष 2005 में अपने पति सुरेंद्र सिंह के निधन के बाद चुनावी राजनीति में उतरीं और लगातार 4 बार से भिवानी की तोशाम सीट से विधायक रही हैं। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में श्रुति चौधरी को मिली हार के बाद किरण चौधरी और तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा में दूरियां बढ़ने लगी थीं।