हिसार लोकसभा सीट से इंडिया गठबंधन (कांग्रेस-आप) उम्मीदवार जयप्रकाश (जेपी) ने कहा कि मनोहर लाल जो लंबे समय तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, अब जनता ने उन्हें नकार दिया है। तभी तो भाजपा ने रातों-रात नया मुख्यमंत्री बनाया है। अब भाजपा जिस नए मुख्यमंत्री को लेकर आई है, वह अपने आप में शेडूस साबित हो गया है। उनके पास वोट नहीं है। यह बातें लोकसभा प्रत्याशी जयप्रकाश ने जींद के उचाना में बैठक के दौरान कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहीं।
इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के समर्थकों की बैठक में पहुंचे इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार जयप्रकाश ने चौटाला परिवार को भी अपने निशाने पर लिया। इस दौरान जयप्रकाश ने हिसार के पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह के साथ चुनावी झप्पी (गले मिलना) भी ली। वहीं बीरेंद्र सिंह के साथ झप्पी लेने को लेकर जयप्रकाश ने कहा कि वह सीनियर हैं। ऐसे में बृजेंद्र सिंह के साथ झप्पी (गले मिलना) ली है। बीरेंद्र सिंह उनके बड़े भाई की तरह है। जयप्रकाश ने कहा कि वह रणजीत सिंह से एक सवाल पूछते हैं कि पहले अपनी पार्टी के नेताओं की मदद ले लें। उन्होंने कहा कि अभिमन्यु की एक ऑडियो वायरल हो रही है, जिसको सबने सुना है। इसका मतलब जो हमारे कांग्रेस के बड़े नेता है, उनके पास वोट हैं और इस बात को भाजपा ने स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के किसी नेता के पास अब नेतृत्व नहीं बचा है, जो जनता के पास जाकर वोट ले सकें।
कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी जयप्रकाश ने कहा कि रणजीत सिंह कहते है कि देवीलाल को जयप्रकाश ने ग्रीन बिग्रेड बनाकर बदनाम कर दिया। जब देवीलाल मेरे साथ चलते थे तो यह ताली बजाता था। यह एक बार देवीलाल के आर्शीवाद से जीता है। इसके बाद दोबारा आज तक नहीं जीता है, जबकि मैं तो 5 बार जीत चुका हूं। जयप्रकाश ने कहा कि हमने कभी भी देवीलाल को नीचा दिखाने का काम नहीं किया। बाप के दो बेटे होते हैं एक कपूत, दूसरा सपूत। रणजीत सिंह बताए कि देवीलाल की सरकार तोड़ने का जब प्रयास हुआ था तो यह सम्राट होटल में 9 विधायक लेकर गए थे। यह उनका सूपत का काम था या कपूत का कार्य था।
जयप्रकाश ने बृजेंद्र सिंह की टिकट कटकर जयप्रकाश को मिलने के सवाल पर कहा कि न तो मैं किसी की टिकट काटता हूं और न ही मेरा किसी की टिकट काटने का ब्यौत है। मेरा इतना ब्यौत होता तो मैं नेता बना जाता। मुझे खुद नहीं पता था कि मुझे टिकट मिलेगी। उन्होंने कहा किा लोकसभा बड़ा चुनाव होता है, इसलिए उन्होंने टिकट मिलते ही बीरेंद्र सिंह से संपर्क किया था। नामांकन पर आने के लिए बीरेंद्र सिंह को निमंत्रण भी दिया था, लेकिन कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाने के चलते वह नामांकन पर नहीं आ सकें। कार्यकर्ता चाहते थे कि जयप्रकाश उनके बीच आकर वोट की अपील करें। जब मैं रोहतक में उनसे मिला तो तारीख रख दी गई। उन्होंने जो तारीख रखी, उसी दिन बैठक की।
उन्होंने कहा कि हम आमने-सामने चुनाव लड़ चुके हैं। राजनीति में कोई स्थाई दुश्मन, दोस्त नहीं होता है। उन्होंने कहा कि एक ही परिवार है, जिससे मेरा झगड़ा रहता है, बाकी किसी से नहीं है। वर्ष 2004 में 57 प्रतिशत वोट मुझे मिले थे, इस बार जनता से 75 फीसदी वोट मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि सभी को 19 तारीख को खबर मिल जाएगी। जयप्रकाश ने आरोप लगाते हुए चौटाला परिवार को आपराधिक प्रवृत्ति का बताया। इंडिया गठबंधन उम्मीदवार जयप्रकाश ने कहा कि इनकी सभी बातें बता दूंगा तो यह अपना मुंह नहीं दिखा पाएंगे। मैं संघर्ष से आगे बढ़ा हूं, यह परिवार मेरी बढ़ रही लोकप्रियता से परेशान है। जब मैंने ग्रीन बिग्रेड बनाई तो अजय और अभय दोनों भाई जेपी जिंदाबाद के नारे लगाते थे और विरोध कर देते।
उन्होंने कहा कि दादा इनका था, पिता इनका था। इन दोनों में से कोई भी अपने पिता के नाम पर वोट नहीं मांगता है। अजय और अभय अपने पिता के नाम पर वोट नहीं मांगते, अपने दादा के नाम पर वोट मांगते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि दुष्यंत उचाना हलके में आकर कहते हैं कि मेरे ऑफिस को उचाना वालों ने कॉफी हाऊस बना दिया है, जबकि सिरसा में जाकर कहते है कि सिरसा वाले उनके पास किसी भी समय आ सकते हैं। पूरे जिले ने वोट दिए 25 हजार, जबकि यहां से जीत गया 48 हजार वोटों से, मेरी यही लड़ाई है।