हरियाणा के रिटायर्ड IAS अधिकारी राजेश खुल्लर को मुख्यमंत्री नायब सैनी का चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी (CPS) नियुक्त किया गया है। इस बार, उन्हें कैबिनेट का रैंक नहीं दिया गया। सोमवार रात को मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन प्रसाद की तरफ से यह आदेश जारी किए गए।
गौरतलब है कि 18 अक्टूबर को भी उनकी CPS के तौर पर नियुक्ति के आदेश जारी किए गए थे, जिसमें उन्हें कैबिनेट का रैंक दिया गया था। हालांकि, 4 घंटे बाद उस आदेश पर रोक लगा दी गई थी, क्योंकि तीन वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों ने इस फैसले का विरोध किया था। उनका कहना था कि एक अधिकारी को कैबिनेट का रैंक देना गलत है।
राजेश खुल्लर 31 अगस्त 2023 को रिटायर हुए थे और रिटायरमेंट के 24 घंटे के भीतर ही तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उन्हें अपना चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी नियुक्त किया था। इससे पहले खुल्लर 1982 बैच के वरिष्ठ रिटायर्ड IAS अधिकारी डीएस ढेसी की जगह पर थे। जब भाजपा ने नायब सैनी को हरियाणा का मुख्यमंत्री बनाया, तब भी खुल्लर ने चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी की भूमिका निभाई।
राजेश खुल्लर, 1988 बैच के IAS अधिकारी, लंबे समय तक विभिन्न जिलों के डीसी, विभागाध्यक्ष, और प्रशासनिक सचिव रहे हैं। वर्ष 2019 में उन्हें तत्कालीन सीएम खट्टर का प्रधान सचिव और गृह सचिव बनाया गया था। इसके साथ ही, उन्हें सरकारी भर्ती, ट्रांसफर और लैंड यूज चेंज (CLU) प्रक्रिया में पर्ची सिस्टम खत्म कर, इसे कंप्यूटराइज्ड करने का श्रेय भी जाता है।
खुल्लर ने हरियाणा में भ्रष्टाचार की जड़ों से जुड़ी इन प्रक्रियाओं में पारदर्शी व्यवस्था स्थापित की, जिससे आम नागरिकों और कर्मचारियों को विभिन्न सरकारी सेवाओं के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता।
सितंबर 2020 में खुल्लर को वर्ल्ड बैंक के वाशिंगटन डीसी कार्यालय में कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया गया था, लेकिन हरियाणा सरकार के अनुरोध पर उन्हें समय से पहले वापस बुला लिया गया। इसके बाद उन्हें एफसीआर और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग का अतिरिक्त मुख्य सचिव बनाया गया था।
लोकसभा चुनाव से पहले, फरवरी 2024 में, तत्कालीन सीएम खट्टर ने अपने सीएम ऑफिस में बड़ा बदलाव किया था, जिसमें 58 विभागों को 6 अधिकारियों के बीच बांटा गया था। खुल्लर को 17 प्रमुख विभागों की जिम्मेदारी दी गई थी और उन्हें सीएम ऑफिस का ओवरऑल इंचार्ज भी बनाया गया था।