अपनी मांगों को लेकर Dallewal 32 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हुए है। उन्होंने पहले अन्न खाना छोड़ दिया था, अब वे पानी भी नहीं पी रहे। उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही है। डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया।
कोर्ट ने कहा कि डल्लेवाल को दी जा रही मेडिकल मदद जारी रहनी चाहिए। अदालत ने टिप्पणी की कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पंजाब सरकार इस मामले में अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं कर रही है। पंजाब के चीफ सेक्रेटरी के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने पंजाब सरकार से कहा कि स्थिति की गंभीरता को समझा जाए। अदालत ने निर्देश दिया कि पंजाब सरकार कल अपनी रिपोर्ट पेश करे।
हमारी प्राथमिकता डल्लेवाल की जिंदगी
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हमारी प्राथमिकता जगजीत डल्लेवाल की जिंदगी है। पंजाब सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए। यदि वहां लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति उत्पन्न हो रही है, तो उसे सख्ती से नियंत्रित किया जाए।
डल्लेवाल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर बातचीत
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि शनिवार को सुनवाई के दौरान जगजीत डल्लेवाल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संपर्क किया जाएगा। बेंच ने कहा कि उनकी स्थिति का आकलन करने के बाद ही आगे के आदेश जारी किए जाएंगे। अब अदालत कल पंजाब सरकार की रिपोर्ट और डल्लेवाल से बातचीत के आधार पर अपने आदेश जारी करेगी। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि डल्लेवाल की जिंदगी को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट डल्लेवाल की सेहत को लेकर तीन बार सुनवाई कर चुका है।
पहली सुनवाई 17 दिसंबर
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से कहा कि वह इस मामले में कोई ढिलाई न बरते। अदालत ने डल्लेवाल की पब्लिक पर्सनालिटी और किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार को निर्देश दिया कि हालात को संभालने के लिए तुरंत कार्रवाई की जाए। अदालत ने कहा कि डल्लेवाल के साथ लाखों किसानों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं।
दूसरी सुनवाई 18 दिसंबर
पंजाब सरकार ने दावा किया कि डल्लेवाल की तबीयत ठीक है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि 70 साल का व्यक्ति 24 दिनों से भूख हड़ताल पर है। बिना किसी टेस्ट या जांच के आप यह कैसे कह सकते हैं कि वह ठीक हैं? कोर्ट ने सरकार से स्पष्ट पूछा कि ब्लड टेस्ट, ECG और अन्य स्वास्थ्य जांच किए बिना ऐसे दावे कैसे किए जा सकते हैं।
तीसरी सुनवाई 19 दिसंबर
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि डल्लेवाल की बिगड़ती हालत की जिम्मेदारी पंजाब सरकार की है। अदालत ने पूछा कि अब तक उन्हें अस्पताल में क्यों नहीं शिफ्ट किया गया। कोर्ट ने निर्देश दिया कि सरकार सुनिश्चित करे कि डल्लेवाल की हालत स्थिर रहे। यदि आवश्यकता हो, तो उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया जाए।