➤ऑक्सीजन सिलेंडर प्लांट में भीषण धमाका, 2 की मौत
➤कई लोग घायल, ब्लास्ट की ताक़त से मांस के टुकड़े एक किमी दूर तक गिरे
➤प्रशासन, पुलिस और दमकल टीमों ने बचाव कार्य शुरू, जांच जारी
पंजाब के मोहाली जिले के इंडस्ट्रियल एरिया फेज-2 में मंगलवार सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक ऑक्सीजन सिलेंडर के फटने से फैक्ट्री में भीषण विस्फोट हो गया। धमाका इतना तेज था कि उसकी आवाज़ कई किलोमीटर दूर तक सुनी गई और आसपास की इमारतें तक हिल गईं। हादसे में दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई। उनके शव क्षत-विक्षत हालत में फैक्ट्री परिसर के बाहर तक बिखरे मिले, जिससे घटना की भयावहता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार धमाका इतना भयानक था कि कुछ सेकेंड तक सब कुछ धुएं और धूल में ढक गया। फैक्ट्री के भीतर मौजूद लोग जान बचाकर बाहर भागे। कुछ ही देर में फायर ब्रिगेड की गाड़ियां और पुलिस टीम मौके पर पहुंची और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया गया। मृतकों की पहचान लखनऊ और बाराबंकी (उत्तर प्रदेश) के मजदूरों के रूप में हुई है, जो लंबे समय से मोहाली में रहकर काम कर रहे थे।
फैक्ट्री चंडीगढ़ पीजीआई के नजदीक स्थित है, जिससे क्षेत्र में दहशत और बढ़ गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस ऑक्सीजन रिफिलिंग यूनिट में पहले भी सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई है। हादसे के वक्त वहां कई सिलेंडर रखे हुए थे और एक सिलेंडर में लीकेज के कारण धमाका हुआ, ऐसा प्रारंभिक जांच में सामने आया है।
पुलिस और फोरेंसिक टीमें जांच में जुटी हुई हैं। घटना के बाद से फैक्ट्री में काम बंद कर दिया गया है और पूरे क्षेत्र को सील कर दिया गया है। पुलिस ने फैक्ट्री मालिक को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया है।
ध्यान देने वाली बात यह है कि मृतकों के शरीर के टुकड़े एक किलोमीटर तक फैले हुए मिले, जिसे देखकर वहां मौजूद हर शख्स सन्न रह गया। यह हादसा केवल एक तकनीकी चूक नहीं, बल्कि एक बड़ी लापरवाही की ओर इशारा करता है, जिसमें मजदूरों की जान चली गई।
प्रशासन की ओर से मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा देने और घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने की बात कही गई है। वहीं, सुरक्षा मानकों को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं, कि क्या फैक्ट्रियों में श्रमिकों की सुरक्षा के प्रति गंभीरता बरती जा रही है या नहीं।