Shanidev को कलियुग का न्यायकर्ता कहा जाता है। शनिदेव बुरे कर्मों की सजा बहुत कठोर देते हैं। शनिदेव के अशुभ प्रभाव को कम करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रकार के पूजन किए जाते हैं। हमेशा देखा जाता है कि शनिदेव की कृपा पाने के लिए लोग हर शनिवार के दिन शनिदेव पर तिल का तेल चढ़ाते हैं। आज हम आपको शनिदेव से जुड़े कुछ खास रहस्य बताने वाले हैं।
पौराणिक कथा के अनुसार शनिदेव भगवान विष्णु के परम भक्त थे और सदा उनकी भक्ति में ही लीन रहते थे। एक बार की बात है शनिदेव की पत्नी शनिदेव से मिलने उनके पास आई। उस समय भी शनिदेव अपने आराध्य भगवान विष्णु के ध्यान भक्ति में मग्न थे। शनिदेव की पत्नी के बहुत बार प्रयास करने के बाद भी शनिदेव का ध्यान नहीं टूट पाया। इससे उनकी पत्नी क्रोधित हो गई और क्रोध में आकर शनिदेव को श्राप दे दिया कि आज से जिस पर भी शनिदेव की दृष्टि पड़ेगी उसका अमंगल होगा।
शनिदेव को तेल क्यों चढ़ाते हैं?
एक बार सूर्यदेव के कहने पर हनुमान जी शनिदेव को समझाने गए। शनिदेव नहीं माने और युद्ध करने को तैयार हो गए। युद्ध में हनुमान जी ने शनिदेव को हरा दिया। इस युद्ध में शनि देव बुरी तरह घायल हो गए। शनिदेव के घावों को कम करने के लिए हनुमान जी ने उन्हें तेल दिया। इस पर शनिदेव ने कहा कि जो कोई भी मुझे तेल अर्पित करेगा मैं उसे पीड़ा नहीं दूंगा और उसके कष्टों को कम करूंगा। तब से शनि को तेल चढ़ाने की परंपरा शुरू हो गई।
शनिवार को भूलकर भी न खरीदें ये चीजें
शनिदेव के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए शनिवार के दिन लोहे, तेल व जूते चप्पल की खरीददारी नहीं करनी चाहिए। इन चीजों का संबंध शनि से माना जाता है इन्हें खरीदने पर शनिदेव अशुभ फल देते हैं।
शनिदेव का रंग काला क्यों है ?
शनिदेव सूर्य के पुत्र है। शनिदेव का जन्म छाया और सूर्य के संयोग से हुआ है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक गर्भ में रहने के दौरान शनि देव सूर्य का तेज सहन नहीं कर पाए और उनका रंग काला पड़ गया। शनिदेव के रंग को देखकर सूर्य ने उन्हें अपना पुत्र मानने से इंकार कर दिया। शनिदेव से ये बात सहन नहीं हुई, तभी से शनिदेव और सूर्यदेव में शत्रुता है