बिहार के 13 वर्षीय Vaibhav Suryavanshi आईपीएल इतिहास के सबसे युवा खिलाड़ी बन गए हैं। उन्हें राजस्थान रॉयल्स ने 1 करोड़ 10 लाख रुपये में खरीदा। नीलामी में उनका बेस प्राइस 30 लाख रुपये था। दिल्ली कैपिटल्स ने सूर्यवंशी पर पहली बोली लगाई, लेकिन राजस्थान ने उन्हें अपने पक्ष में कर लिया।
तूफानी बल्लेबाजी से चर्चा में
वैभव अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में उन्होंने चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 टीम के खिलाफ युवा टेस्ट में शतक लगाया। उन्होंने 62 गेंदों में 104 रनों की पारी खेली। यह उपलब्धि हासिल करने वाले वह सबसे युवा खिलाड़ी बन गए हैं।
उम्र को लेकर विवाद
इस साल जनवरी में रणजी ट्रॉफी में डेब्यू से पहले उनकी उम्र को लेकर विवाद हुआ था। उनके एक पुराने वीडियो में उन्होंने कहा था कि वह सितंबर 2023 में 14 साल के हो जाएंगे।
रणजी ट्रॉफी में सबसे युवा खिलाड़ी
समस्तीपुर के रहने वाले वैभव ने मुंबई के खिलाफ 2023-24 रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया। उनकी उम्र तब 12 वर्ष 284 दिन थी, जिससे वह टूर्नामेंट के इतिहास के सबसे युवा खिलाड़ी बन गए। वैभव सबसे कम उम्र में रणजी में डेब्यू करने वाले दूसरे खिलाड़ी बने थे। उनसे कम उम्र में अलीमुद्दीन ने (12 साल, 2 महीने 18 दिन) डेब्यू किया था। सचिन तेंदुलकर ने 15 साल और 7 महीने 22 दिन की उम्र में डेब्यू किया था।
टी20 में डेब्यू
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में बिहार के लिए खेलते हुए उन्होंने राजस्थान के खिलाफ टी20 डेब्यू किया और 6 गेंदों में 13 रन बनाए। वैभव पिछले 1 साल में अलग-अलग लेवल के क्रिकेट में कुल 49 शतक और 3 दोहरे शतक जमा चुके हैं। पिछले साल हुए हेमन ट्रॉफी के लीग और सुपर लीग में सबसे ज्यादा 670 रन बनाए।
इसमें तीन शतक और तीन अर्धशतक शामिल थे। पिछले साल अक्टूबर में वीनू मांकड़ टूर्नामेंट के अंडर-19 में वैभव का सिलेक्शन हुआ। चंडीगढ़ में हुए टूर्नामेंट में बिहार की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाए। उन्होंने 393 रन बनाए, जिसमें एक शतक और तीन अर्धशतक थे।
प्रारंभिक करियर और रिकॉर्ड्स
12 साल की उम्र में उन्होंने वीनू मांकड़ ट्रॉफी में बिहार के लिए पांच मैचों में करीब 400 रन बनाए थे। हालांकि प्रथम श्रेणी क्रिकेट में वह अब तक कोई बड़ी पारी नहीं खेल पाए हैं और पांच मैचों में उनका औसत केवल 10 का रहा है।
किसान के बेटे हैं वैभव
पिता संजीव सूर्यवंशी ने बताया कि वैभव का जन्म 27 मार्च 2011 को हुआ था। मैं एक किसान हूं। शुरू से ही चाहता था कि मेरा बेटा एक क्रिकेटर बने। वैभव खाने के काफी शौकीन हैं। वैभव ने बचपन से ही क्रिकेट में दिलचस्पी दिखानी शुरू कर दी थी। उन्होंने 5 साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था और वे शुरू से ही लेदर बॉल से प्रैक्टिस करते आए हैं।
समस्तीपुर में 3 साल तक खेले
7 साल की उम्र में पिता समस्तीपुर की क्रिकेट एकेडमी में लेकर गए। वैभव यहां 3 साल तक खेले। फिर उनके पिता उन्हें पटना के संपतचक में मौजूद जेन एक्स क्रिकेट एकेडमी में लेकर आ गए। 10 साल की उम्र में ही वैभव अपने से काफी ऊपर के ऐज ग्रुप मैचों में खेले और कामयाब भी रहे।
इंग्लैंड के खिलाफ 50 रन बनाए
इसके बाद वैभव को सीके नायडू ट्रॉफी के लिए बेंगलुरु भेज दिया गया। बेंगलुरु में ही उनका सिलेक्शन चैलेंजर ट्रॉफी के लिए हो गया। फिर वहीं से गुवाहाटी गए। इस खेल के बाद उनका सिलेक्शन अंडर-19 इंडिया के लिए हो गया।
आंध्र प्रदेश में हुए इस मैच में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 50 रन बनाए। अन्य टीमों के खिलाफ भी उनका प्रदर्शन काफी अच्छा रहा। फिर कूच बिहार ट्रॉफी के लिए जमशेदपुर भेज दिया गया, जहां उन्होंने मैच में शतक जड़ा। इसके बाद आज वह रणजी में खेल रहे हैं।