Helicopter Emergency Landing in Kedarnath : केदारनाथ धाम में उड़ान भरता एक हेलीकॉप्टर अचानक खराब हो गया। बताया जा रहा है कि हेलीकॉप्टर यात्रियों को लेकर केदारनाथ आ रहा था। जिसमें तकनीकी खराबी आने के कारण पायलट ने हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग करवाई गई। पायलट ने हेलीकॉप्टर को केदारनाथ धाम में हैलीपेड के निकट ही मिट्टी में लैंडिंग करवाया। हालांकि हेलीकॉप्टर में सवार सभी यात्री सुरक्षित बताए जा रहे हैं। उधर इमरजेंसी लैंडिंग से यात्रियों में हड़कंप मच गया। लैंडिंग के बाद टीम और यात्रियों ने राहत की सांस ली।
बताया जा रहा है कि केदारनाथ धाम में अचानक एक हेलीकॉप्टर खराब हो गया। उसमें कुछ तकनीकी खराबी आने के कारण पायलट ने हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग करवाई। पायलट ने हेलीकॉप्टर को केदारनाथ धाम में बने हैलीपेड के निकट ही मिट्टी में लैंडिंग करवाया। बता दें कि हेलीकॉप्टर यात्रियों को लेकर केदारनाथ आ रहा था और सभी यात्री सुरक्षित हैं। वहीं इमरजेंसी लैंडिंग से यात्रियों में अचानक हड़कंप मच गया। हालांकि समस्या बताने के बाद उन्होंने राहत की सांस ली। बता दें कि केदारनाथ में हेली सेवा हमेशा से ही जोखिम भरी रही है। गत 11 वर्षों में केदारनाथ में 10 हादसे हो चुके हैं।
बताया जा रहा है कि शुक्रवार सुबह करीब 7 बजे क्रिस्टल एविएशन कंपनी के हेली ने शेरसी से श्रद्धालुओं को केदारनाथ दर्शन करने के लिए उड़ान भरी। इसके बाद हेली में तकनीकी खराबी आने के कारण पायलट की सूझबूझ से हेली को केदारनाथ हेलीपैड से कुछ दूरी पहले ही घास, मिट्टी में आपात स्थिति में लैंडिंग कराई गई, जिसमें सवार सभी यात्री सुरक्षित बाहर निकाला।
इस दौरान पायलट ने अपना धैर्य नहीं खोया, बल्कि सूझबूझ का परिचय देते हुए आपात स्थिति में हेली की लैंडिंग की गई। सभी तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालने के बाद उन्हें बाबा केदारनाथ के दर्शनों के लिए भेजा गया। उनका कहना है कि हेली में आई तकनीकी खराबी की जांच कराई जा रही है। वहीं यूकाडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सी रविशंकर का कहना है कि पायलट के अनुसार इंजन में हाइड्रोलिक फेलियर के कारण इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार के अनुसार हेलीकॉप्टर में सवार पायलट और 6 यात्री सुरक्षित हैं। डीजीसीए ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। हेलिकॉप्टर को कैप्टन कल्पेश उड़ा रहे थे। उनके अलावा तमिलनाडु के छह श्रद्धालु- शिवाजी, उल्लूबैंकट चलम, महेश्वरी, सुन्दरा राज, सुमति, मयूर बाघवानी सवार थे। बता दें कि उत्तराखंड में चार धाम यात्रा की मॉनिटरिंग अब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी शुरू कर दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को चार धाम यात्रा में व्यवस्थाओं की हर रोज की रिपोर्ट देने को कहा है। यात्रा के शुरुआत से ही चारों धामों में भीड़ प्रबंधन सरकार के लिए चुनौती बना हुआ है।
उधर यात्रियों की अधिक संख्या के चलते मुख्यमंत्री के निर्देश पर ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन 31 मई तक बंद कर दिए गए हैं। उत्तराखंड में चार धाम यात्रा के दौरान 12 दिनों (23 मई तक) में 49 लोगों की मौत हो गई हैं। इसमें अधिकांश श्रद्धालु ऐसे हैं जो किसी न किसी बीमारी से ग्रसित थे। यह आंकड़े स्टेट इमरजेंसी कंट्रोल रूम की ओर से जारी किए गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा 23 मौतें केदारनाथ धाम में हुई हैं। इसके बाद यमनोत्री धाम में 12 और बद्रीनाथ धाम में 11 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। इसी तरह गंगोत्री धाम में अब तक 3 श्रद्धालुओं ने दम तोड़ दिया है।
गौरतलब है कि 10 मई से शुरू हुई यात्रा में अब तक कुल 961302 श्रद्धालु चारों धाम के दर्शन कर चुके हैं। जिसमें 424242 श्रद्धालु केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए पहुंचे हैं। वहीं 196937 श्रद्धालु बद्रीनाथ धाम के दर्शन कर चुके हैं। गंगोत्री में 163191 श्रद्धालुओं ने दर्शन कर लिए हैं। यमनोत्री धाम में 176993 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।
बताया जा रहा है कि 23 मई को एक दिन में 75569 श्रद्धालुओं ने चारों धामों के दर्शन किए। वहीं चार धाम यात्रा के लिए अब तक कुल 3118926 यात्रियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। बताया जा रहा है कि 30 जून तक चारों धाम में दर्शन के लिए सभी स्लॉट फुल है। यमुनोत्री 486285, गंगोत्री के लिए 554656, केदारनाथ के लिए 1037700 और बद्रीनाथ के लिए 955858 और हेमकुंड साहिब के लिए 84427 श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है।