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डोनाल्ड ट्रंप ने साझा किया ओबामा की गिरफ्तारी का वीडियो, अमेरिका में मचा सियासी भूचाल

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➤डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर एक Deepfake वीडियो साझा किया जिसमें ओबामा को गिरफ्तार करते हुए दिखाया गया।

➤वीडियो में ओबामा को नारंगी कैदी की ड्रेस में जेल में डाला गया, ट्रंप पास में मुस्कुराते हुए बैठे नजर आए।

➤तुलसी गबार्ड के ओबामा प्रशासन पर 2016 चुनाव में साजिश रचने के आरोपों के बाद वीडियो सामने आया।

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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर सोशल मीडिया पर अपने विवादास्पद पोस्ट को लेकर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर एक Deepfake वीडियो साझा किया है, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को FBI एजेंट द्वारा ओवल ऑफिस में गिरफ्तार करते हुए दिखाया गया है। वीडियो में ओबामा को जेल में नारंगी रंग की कैदी वाली ड्रेस पहने भी दिखाया गया है।

45 सेकंड का यह वीडियो तुलसी गबार्ड के एक सनसनीखेज आरोप के तुरंत बाद सामने आया, जिसमें उन्होंने ओबामा प्रशासन पर 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप-रूस साठगांठ की फर्जी कहानी गढ़ने का आरोप लगाया था। गबार्ड ने ओबामा प्रशासन पर तख्तापलट की साजिश रचने का भी दावा किया है।

वीडियो की शुरुआत में ओबामा समेत कई डेमोक्रेट नेताओं के क्लिप चलते हैं, जिसमें वे कहते हैं, “कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।” इसके बाद Deepfake तकनीक से निर्मित दृश्य में ओबामा को ट्रंप के सामने गिरफ्तार कर जेल भेजते दिखाया गया है, जबकि ट्रंप पास बैठकर मुस्कुरा रहे हैं। इस वीडियो में कहीं भी ‘Deepfake’ या ‘काल्पनिक’ जैसा कोई डिस्क्लेमर नहीं दिया गया है, जिससे भ्रम की स्थिति बन सकती है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया और आलोचना:

इस वीडियो के सामने आते ही अमेरिका की राजनीतिक फिजा में हलचल मच गई है। ट्रंप विरोधियों ने इसे गैर-जिम्मेदाराना, उकसावे भरा और लोकतंत्र के खिलाफ बताया है। विश्लेषकों का मानना है कि यह वीडियो ट्रंप की चुनावी रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य पुराने आरोपों को फिर से जिंदा करना है।

वहीं, तुलसी गबार्ड ने 114 पन्नों के दस्तावेजों के हवाले से दावा किया है कि ओबामा प्रशासन ने जानबूझकर रूस के चुनाव में हस्तक्षेप का झूठा नैरेटिव तैयार किया था, जबकि खुफिया एजेंसियों की आंतरिक जांच में ऐसा कोई सबूत नहीं था। उन्होंने इस कथित साजिश में पूर्व खुफिया प्रमुख जेम्स क्लैपर, जॉन ब्रेनन और एफबीआई निदेशक जेम्स कोमी के नाम भी लिए हैं।

डेमोक्रेट्स की प्रतिक्रिया:

डेमोक्रेट सांसदों ने गबार्ड के इन आरोपों को “राजनीतिक स्टंट” और “झूठ पर आधारित प्रचार” बताया है। कनेक्टिकट के सांसद जिम हिम्स ने कहा कि “यह सब बकवास है, और इसका उद्देश्य देश को बांटना है।” 2020 की सीनेट रिपोर्ट ने यह जरूर माना था कि रूस ने चुनाव में हस्तक्षेप किया था, लेकिन ट्रंप की भूमिका का कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला था।

सवालों के घेरे में ट्रंप की डिजिटल रणनीति:

ट्रंप द्वारा Deepfake वीडियो को साझा करना इस बात की ओर इशारा करता है कि डिजिटल मीडिया अब राजनीतिक हथियार बन चुका है। विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि चुनावी वर्ष में Deepfake जैसी तकनीकें लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती हैं, खासकर जब उन्हें बिना चेतावनी या स्पष्टीकरण के साझा किया जाए।