● पाकिस्तान के बन्नू मिलिट्री कैंप में आतंकवादी हमला, बड़े विस्फोट से दहशत।
● हमले में छह आतंकवादी और 15 नागरिकों के मारे जाने की खबर, गोलीबारी जारी।
● आतंकी गुट हाफिज गुल बहादुर ने ली हमले की जिम्मेदारी।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में बन्नू मिलिट्री कैंप पर मंगलवार शाम को हुए बड़े आतंकवादी हमले से हड़कंप मच गया। आतंकियों ने विस्फोटकों से भरी दो कारों को मिलिट्री कैंप के प्रवेश द्वार से टकरा दिया, जिससे भीषण धमाके हुए। इसके बाद आतंकियों ने कैंप में घुसने का प्रयास किया, लेकिन सुरक्षा बलों ने मुस्तैदी से जवाबी कार्रवाई की।
पुलिस और सैन्य सूत्रों के अनुसार, अब तक छह आतंकवादी मारे जा चुके हैं, जबकि 15 नागरिकों के मारे जाने की खबरें हैं। हालांकि, पाकिस्तानी सेना ने अभी तक आधिकारिक तौर पर हताहतों की संख्या की पुष्टि नहीं की है।

हमले की जिम्मेदारी हाफिज गुल बहादुर गुट ने ली
इस हमले की जिम्मेदारी हाफिज गुल बहादुर सशस्त्र गुट ने ली है, जो अफगान तालिबान के समर्थन में लड़ता रहा है। इस गुट ने दावा किया कि उनके लड़ाकों ने “एक महत्वपूर्ण लक्ष्य तक पहुंच बनाई और उसे नियंत्रण में ले लिया”। हालांकि, उन्होंने इस दावे के कोई और प्रमाण नहीं दिए।
अभी भी जारी है गोलीबारी
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, धमाके के तुरंत बाद आतंकियों ने कैंप में घुसने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें रोक दिया। अब तक चार आतंकवादियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। मौके पर सुरक्षाबलों की भारी तैनाती कर दी गई है और आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन जारी है।
घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया
बन्नू जिला अस्पताल के प्रवक्ता नुमान खत्ताब ने बताया कि घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) ने अब तक इस घटना पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
बन्नू छावनी पर पहले भी हो चुके हैं हमले
यह पहला मौका नहीं है जब बन्नू मिलिट्री कैंप आतंकियों के निशाने पर आया हो। पिछले साल जुलाई 2024 में इसी छावनी पर हुए आतंकी हमले में आठ पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे, जबकि 10 आतंकवादी ढेर कर दिए गए थे। यह हमला भी अफगानिस्तान स्थित हाफिज गुल बहादुर गुट ने किया था।
पाकिस्तान में हाल ही में खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में तेजी आई है। खासकर नवंबर 2022 में प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) द्वारा संघर्षविराम खत्म करने के बाद से देश में आतंकी हमलों में इजाफा हुआ है।