Cheque Bounce Case: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी वीरेंद्र सहवाग के भाई विनोद सहवाग को चंडीगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मनीमाजरा पुलिस की टीम ने उन्हें चेक बाउंस मामले में पकड़ा और कोर्ट में पेश किया। अदालत में विनोद सहवाग के वकील ने उनकी जमानत याचिका दायर की, लेकिन पुलिस ने इसका विरोध किया। अदालत ने उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए 10 मार्च की तारीख तय की है और तब तक उन्हें पुलिस हिरासत में रखा गया है।
चंडीगढ़ जिला अदालत में विनोद सहवाग के खिलाफ सात करोड़ रुपये के चेक बाउंस का मामला दर्ज है। यह केस बद्दी स्थित श्री नैना प्लास्टिक कंपनी ने दिल्ली की जाल्टा फूड एंड बेवरेजेस और उसके तीन डायरेक्टर्स – विनोद सहवाग, विष्णु मित्तल और सुधीर मल्होत्रा के खिलाफ किया था। पिछले साल निचली अदालत ने इन सभी को कोर्ट में पेश होने के लिए समन जारी किया था, लेकिन विनोद सहवाग ने इस आदेश को सेशंस कोर्ट में चुनौती दी थी। उनका दावा है कि उन्हें गलत तरीके से आरोपी बनाया गया है, क्योंकि न तो वह इस कंपनी के डायरेक्टर हैं और न ही कर्मचारी।
श्री नैना प्लास्टिक कंपनी के वकील विकास सागर के अनुसार, जाल्टा कंपनी ने उनकी कंपनी से करीब सात करोड़ रुपये का मैटेरियल सप्लाई करने का ऑर्डर दिया था। इसके बदले में जाल्टा कंपनी ने जून 2018 में एक-एक करोड़ रुपये के सात बैंक चेक दिए थे। जब कंपनी ने इन चेक्स को बैंक में जमा किया तो वे फंड्स की कमी के कारण बाउंस हो गए। शिकायतकर्ता कंपनी ने पहले जाल्टा कंपनी को इस बारे में सूचना दी और दो महीने तक इंतजार किया। जब कोई भुगतान नहीं किया गया, तो कानूनी नोटिस भेजा गया और 15 दिनों में भुगतान की मांग की गई। इसके बावजूद राशि न मिलने पर कंपनी और उसके डायरेक्टर्स के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया।
इससे पहले, निचली अदालत ने विनोद सहवाग सहित तीनों आरोपियों को समन जारी किया था, लेकिन वे अदालत में पेश नहीं हुए। इसके चलते उनके खिलाफ पहले जमानती और फिर गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए। जब वे तब भी पेश नहीं हुए, तो कोर्ट ने उन्हें भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। इसके बाद 22 जुलाई 2019 को विनोद सहवाग अदालत में पेश हुए और उन्हें दो लाख रुपये की जमानत राशि पर रिहा किया गया था।