- केरल में मानसून सामान्य से 7-8 दिन पहले पहुंचा, उत्तर भारत में भी जल्दी दस्तक की संभावना
- अप्रैल-मई की गर्म हवाओं ने वातावरणीय दबाव बनाया, जिससे जून में नौतपा के दौरान हुई असामान्य बारिश
- कपास और बाजरे की फसलों के लिए बरसात बनी वरदान, आने वाले 3-4 दिन मौसम रहेगा शुष्क लेकिन तापमान सामान्य से कम
Early monsoon in Kerala: हरियाणा के भिवानी कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ कृषि मौसम वैज्ञानिक डा. देवीलाल ने जानकारी दी है कि इस वर्ष केरल में मानसून 7-8 दिन पहले पहुंच चुका है, जिसका असर अब उत्तर भारत के राज्यों में भी दिखने लगा है। उन्होंने कहा कि गर्मी के शुरुआती महीनों, यानी अप्रैल और मई में तेज तापमान और सूखे मौसम के कारण वायुमंडल में गर्म हवा ऊपर उठी और दबाव क्षेत्र बना। इसी कारण जून के शुरुआती दिनों में नौतपा के दौरान बरसात हुई, जिसे आमतौर पर बेमौसमी माना जाता है।
डा. देवीलाल ने कहा कि इस असामान्य बरसात का फसलों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। विशेष रूप से 20 से 25 दिन पहले बोई गई कपास की फसल के लिए यह बरसात वरदान साबित हुई, जिससे फसल की वृद्धि में तेजी आएगी और उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है। वहीं बाजरे की पछैती फसल को हल्का नुकसान हो सकता है, लेकिन अंकुरण की अवस्था में फसल के लिए यह बारिश लाभदायक साबित हो रही है।
उन्होंने यह भी बताया कि आने वाले तीन से चार दिनों तक मौसम शुष्क रहने की संभावना है, लेकिन तापमान सामान्य से कम ही रहेगा, जिससे गर्मी से राहत बनी रहेगी।
डा. देवीलाल ने यह भी संकेत दिया कि यदि यह मानसून की दिशा बनी रही, तो उत्तर भारत में भी मानसून समय से पहले पहुंच सकता है, जो खरीफ फसलों के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करेगा।