- प्रधानमंत्री मोदी ने चिनाब ब्रिज का उद्घाटन किया, 22 साल में बना यह विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे पुल।
- पुल एफिल टावर से ऊंचा, 266 किमी/घंटे की हवा, 8 रिक्टर स्केल के भूकंप व धमाकों को झेलने में सक्षम।
- 63 मिमी ब्लास्ट-प्रूफ स्टील से बना पुल अब कश्मीर घाटी को पूरे भारत से जोड़ेगा रेल नेटवर्क से।
ChinabBridge: भारत ने 7 जून को विश्व की सबसे ऊंची रेलवे ब्रिज संरचना – चिनाब ब्रिज को राष्ट्र को समर्पित कर इतिहास रच दिया है। जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित यह अद्भुत पुल 1315 मीटर लंबा और 359 मीटर ऊंचा है, जो फ्रांस के एफिल टावर (324 मीटर) से भी करीब 35 मीटर ऊंचा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को इस मेगा प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया, जो भारत के सबसे कठिन रेल प्रोजेक्ट – उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक (USBRL) का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस पुल का निर्माण कार्य 22 वर्षों तक चला, जिसकी शुरुआत 1995 में हुई थी।
अब भारत का दक्षिणी छोर कन्याकुमारी और उत्तरी छोर कश्मीर घाटी सीधे रेल मार्ग से जुड़ जाएंगे। इससे पहले कश्मीर तक कोई सीधी ट्रेन नहीं थी और श्रीनगर तक का सफर सड़क या हवाई मार्ग से ही करना पड़ता था, जो बर्फबारी, भूस्खलन और सुरक्षा खतरों के कारण अवरुद्ध हो जाता था।
🏗️ चिनाब ब्रिज की विशेषताएं:
- डिजाइन: स्टील आर्क ब्रिज, 469 मीटर के मुख्य आर्क पर आधारित
- ऊंचाई: 359 मीटर (एफिल टावर से 35 मीटर अधिक)
- वायु रोधक क्षमता: 266 किमी/घंटे तक की हवा सहने में सक्षम
- भूकंप सुरक्षा: 8 रिक्टर स्केल तक के झटके झेल सकता है
- सुरक्षा स्टील: 63 मिमी मोटी ब्लास्ट-प्रूफ स्टील
- पिलर: 17 स्टील पिलर, 3000 फीट ऊंचे पहाड़ी क्षेत्र में खड़े
- रक्षा गति: आपात स्थिति में 30 किमी/घंटे की रफ्तार से पार करने योग्य
तकनीक और वैश्विक सहयोग:
इस पुल को डिज़ाइन किया कनाडा की कंपनी WSP ने, जबकि कोंकण रेलवे, AFCONS, Ultra Construction, दक्षिण कोरिया की कंपनियों और VSL India ने मिलकर निर्माण किया। पुल के निर्माण में भिलाई स्टील प्लांट की विशेष ब्लास्ट-प्रूफ स्टील का उपयोग किया गया और प्रत्येक हिस्से की ब्लास्ट लोड टेस्टिंग की गई।
सुरक्षा के विशेष इंतजाम:
पुल की सुरक्षा अब CRPF कमांडोज़ के हवाले कर दी गई है, जो 24×7 निगरानी रखेंगे। पुल पर ट्रेनें धीमी गति से चलेंगी लेकिन आवश्यकता पड़ने पर आपातकालीन गति से सुरक्षित पार कर सकेंगी।
राष्ट्रीय महत्व:
चिनाब ब्रिज अब न केवल तकनीकी आत्मनिर्भरता और इंजीनियरिंग कौशल का प्रतीक है, बल्कि यह कश्मीर के आर्थिक, सामरिक और सामाजिक विकास की नींव भी है। सेना और सामान की तेज़ आपूर्ति से यह सुरक्षा दृष्टिकोण से भी बेहद अहम बनता है।
चिनाब ब्रिज पर प्रमोद तिवारी का बयान: मोदी को बधाई, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्रियों का भी किया स्मरण
दिल्ली: कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आज चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज का उद्घाटन पर कहा, “मैं देशवासियों को बधाई देता हूं। चिनाब का पुल बनने से जम्मू-कश्मीर को तो फायदा होगा ही, यह पर्यटन और धार्मिक क्षेत्र में भी एक बड़ा कदम है। मैं आज पी.वी. नरसिम्हा राव को याद करता हूं जिन्होंने अपने कार्यकाल में इस परियोजना को स्वीकार्य और प्रारंभ किया था। मैं अटल बिहारी वाजपेयी को याद करता हूं जिन्होंने इसे आगे बढ़ाया था और मनमोहन सिंह को विशेष धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने 160 किलोमीटर की रेल लाइन, टनल का निर्माण करवाया… यह देश की निरंतरता और विकास का सबूत है…”