➤ PWD के 1 करोड़ तक के काम अब पहले सहकारी समितियों को मिलेंगे
➤ महिला और SC समितियों के लिए सिक्योरिटी में 75% तक छूट
➤ माल ढुलाई से लेकर सफाई तक — हर सेवा पर रिजर्वेशन और प्राथमिकता
हरियाणा सरकार ने राज्य की सहकारी श्रम एवं निर्माण समितियों (Labor & Construction Cooperative Societies) को एक और बड़ी राहत दी है। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की मंजूरी के बाद यह रियायतें अब 31 मार्च 2030 तक बढ़ा दी गई हैं। इन रियायतों का उद्देश्य श्रमिक आधारित समितियों को सशक्त बनाना और उन्हें सरकारी कार्यों में वरीयता देना है।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि एक करोड़ रुपए तक की लागत वाले लोक निर्माण कार्य अब पहले सहकारी समितियों को समान दर पर आरक्षित किए जाएंगे, और अगर ये समितियां असफल रहती हैं, तभी ठेकेदारों से निविदा मंगवाई जाएगी।
क्या-क्या मिलेंगी प्रमुख रियायतें?
1. सभी प्रकार के ठेकों पर लागू होंगी रियायतें
मैनपावर सप्लाई, माल लोडिंग-अनलोडिंग, ट्रांसपोर्टेशन और निर्माण सामग्री की सप्लाई पर भी यह छूट लागू होगी।
2. बयाना राशि में छूट
- ₹50 लाख तक के काम में अधिकतम ₹25,000 या 1% (जो कम हो) ही बयाना देना होगा।
- ₹50 लाख से ऊपर के कामों में ठेकेदारों के अनुपात में 50% बयाना राशि देनी होगी।
3. सिक्योरिटी डिपॉजिट में रियायत
- सामान्य समितियों के लिए: ठेकेदारों की दर का आधा।
- महिलाओं और अनुसूचित जाति की समितियों के लिए: केवल 25% सिक्योरिटी देनी होगी।
4. भुगतान में प्राथमिकता
LOC मिलने पर भुगतान पहले सहकारी समितियों को किया जाएगा।
अगर बैंक से लोन लिया है, तो खाता केवल जिला केंद्रीय सहकारी बैंक में रखना होगा।
5. सफाई के कार्यों में रिजर्वेशन
सरकारी अस्पतालों व शहरी निकायों में ₹60 लाख तक के सफाई ठेके ऐसी समितियों के लिए आरक्षित होंगे, जिनमें सभी सदस्य महिलाएं या SC वर्ग के हों।
6. लाइसेंस और लिस्टिंग फीस से छूट
इन समितियों को लाइसेंसिंग और लिस्टिंग फीस से पूरी तरह छूट दी गई है।
कामकाज की निगरानी के लिए बनी जिला समितियां
हर जिले में “डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेशन कमेटी” बनाई जाएगी, जो इन समितियों को आवंटित काम, भुगतान, मध्यस्थता और संचालन की निगरानी करेगी।