➤ 2500 करोड़ की लागत से दिल्ली-फिरोजपुर झिरका-अलवर तक बनेगी 104 किमी लंबी रेलवे लाइन
➤ 1971 से लंबित मांग, अब केंद्र ने दी मंजूरी, 3 साल में पूरी होगी परियोजना
➤ नूंह, मेवात के लाखों लोगों को शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य के अवसरों तक सीधी पहुंच मिलेगी
हरियाणा के मेवात क्षेत्र की पचास साल पुरानी रेल कनेक्टिविटी की मांग अब पूरी होने जा रही है। केंद्र सरकार ने 2500 करोड़ रुपये की लागत से प्रस्तावित दिल्ली से सोहना होते हुए फिरोजपुर झिरका और अलवर तक बनने वाली रेल लाइन को हरी झंडी दे दी है। यह रेल लाइन 104 किलोमीटर लंबी होगी और इसे अगले तीन वर्षों में पूरा किया जाएगा।
परियोजना के तहत फिलहाल सात स्टेशन प्रस्तावित किए गए हैं, लेकिन स्थानीय जरूरतों के आधार पर इनकी संख्या बढ़ भी सकती है। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक इससे परिवहन सुविधा के साथ-साथ क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा, खासकर मेवात जैसे पिछड़े इलाकों में शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यापार को नई दिशा मिलेगी।
इस रेल परियोजना की मांग सबसे पहले 1971 में गुड़गांव के सांसद चौधरी तैयब हुसैन ने उठाई थी। हालांकि इसे राजनीतिक सहमति अब जाकर मिली है। सांसद धर्मबीर सिंह और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने इस मुद्दे को संसद में पुरजोर तरीके से उठाया और अंततः 2024 के बजट में इसे शामिल कर मंजूरी दिलाई।
रेलवे विभाग के अनुसार, परियोजना शुरू होते ही स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे और आर्थिक गतिविधियों में तेज़ी आएगी। नूंह जैसे जिलों को इससे विकास के ट्रैक पर लाने में मदद मिलेगी, जिसे अब तक देश का सबसे पिछड़ा जिला माना जाता रहा है।
केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का कहना है कि यह रेलवे लाइन न केवल एक ट्रांसपोर्ट लिंक होगी, बल्कि यह मेवात को राज्य और राष्ट्र की मुख्यधारा में शामिल करने की ऐतिहासिक शुरुआत है।