वर्ल्ड बॉक्सिंग कप 2025 में भारत की 20 सदस्यीय टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 11 पदक अपने नाम किए। इनमें 3 स्वर्ण, 5 रजत और 3 कांस्य पदक शामिल हैं। इस उपलब्धि में सबसे खास बात यह रही कि तीनों स्वर्ण पदक हरियाणा की बेटियों ने जीते, जिनमें साक्षी ढांडा, जैस्मीन लंबोरिया और नूपुर श्योराण शामिल हैं। तीनों खिलाड़ी हरियाणा के भिवानी जिले से ताल्लुक रखती हैं, जिसे ‘मिनी क्यूबा’ के नाम से जाना जाता है।
स्वर्ण पदक विजेता
साक्षी ने 54 किग्रा वर्ग में अमेरिका की योसलाइन पेरेज़ को सर्वसम्मति से हराकर भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया। उनकी आक्रामक शैली और सटीक पंचों ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया।
इसके बाद जैस्मीन लंबोरिया ने 57 किग्रा वर्ग में ब्राज़ील की जुसीलेन सेक्वेरा को 4:1 से मात दी। मुकाबला करीबी था, लेकिन जैस्मीन ने अंतिम राउंड में क्लीन काउंटर से बाज़ी पलटी और जीत सुनिश्चित की।
दिन का समापन शानदार अंदाज में हुआ जब नूपुर श्योराण ने 80+ किग्रा वर्ग में कज़ाकिस्तान की येलदाना तालिपोवा को एकतरफा 5:0 से हरा दिया। पहला राउंड पिछड़ने के बावजूद उन्होंने बेहतरीन फुटवर्क और आक्रामक रणनीति से जोरदार वापसी की।
रजत पदक विजेता
भारत के लिए पांच रजत पदक भी आए। ब्राजील में पिछले साल गोल्ड जीत चुके हितेश गुलिया (70 किग्रा) इस बार फाइनल में ब्राजील के कायन ओलिवेरा से 0:5 से हारकर सिल्वर से संतोष करना पड़ा।
भिवानी के जुगनू अहलावत (85 किग्रा) और पूजा रानी बोहरा (80 किग्रा) भी अपने-अपने मुकाबलों में कज़ाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के मुक्केबाज़ों से हार गईं। अभिनाश जामवाल (65 किग्रा) को यूरी फाल्काओ से 2:3 से हार मिली।
कांस्य पदक विजेता
भारत के संजू (60 किग्रा), निखिल दुबे (75 किग्रा) और नरेन्द्र (90+ किग्रा) ने सेमीफाइनल तक पहुंचकर कांस्य पदक अपने नाम किए।
भिवानी का वर्चस्व
इस बार भी हरियाणा के भिवानी जिले ने साबित कर दिया कि क्यों उसे भारत का बॉक्सिंग हब कहा जाता है। गोल्ड जीतने वाली तीनों महिला मुक्केबाज़ – साक्षी, जैस्मीन और नूपुर – भिवानी से ही हैं। इनके अलावा सिल्वर मेडलिस्ट जुगनू अहलावत और पूजा रानी भी इसी जिले की देन हैं।
भारत की इस सफलता ने न सिर्फ वर्ल्ड बॉक्सिंग में देश की पहचान को मजबूत किया है, बल्कि हरियाणा के खेल मॉडल की भी बड़ी जीत है।