➤ हरियाणा में बारिश ने बढ़ाई राहत, कई जिलों में तापमान में गिरावट दर्ज
➤ मौसम विभाग का ऑरेंज अलर्ट: अगले तीन दिन अधिकांश जिलों में बरसात के आसार
➤ औसत से 32% ज्यादा बारिश दर्ज, जलभराव से जनजीवन प्रभावित
हरियाणा में मॉनसून सक्रिय हो गया है और बुधवार सुबह सोनीपत, भिवानी और कुरुक्षेत्र में बारिश दर्ज की गई, जबकि रोहतक, पानीपत, करनाल, अंबाला, पंचकूला, झज्जर, कैथल, यमुनानगर और हिसार के आसमान में बादल छाए रहे। मौसम विज्ञान केंद्र, चंडीगढ़ ने आगामी दिनों के लिए रोहतक, सोनीपत, पानीपत, सिरसा, फतेहाबाद, जींद, करनाल, कैथल, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर और अंबाला के कुछ हिस्सों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में भारी बारिश की संभावना है, जबकि अन्य क्षेत्रों में हल्की से मध्यम वर्षा के आसार हैं।
मंगलवार को भी प्रदेश के 8 जिलों में बारिश हुई, जिससे कई जगहों पर जलभराव हो गया और यातायात प्रभावित हुआ। बारिश के चलते हरियाणा में औसत 111.1 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो कि सामान्य 83.9 मिमी से 32 प्रतिशत अधिक है। बारिश के चलते अधिकतम तापमान में 1.6 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है।
10 जुलाई को पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल और पानीपत के अधिकांश हिस्सों (50-75%) में बारिश की संभावना है, वहीं सोनीपत, रोहतक, झज्जर, रेवाड़ी, गुरुग्राम व फरीदाबाद जैसे जिलों के कुछ हिस्सों में (25-50%) और सिरसा, फतेहाबाद, भिवानी व चरखी दादरी में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
11 जुलाई को यमुनानगर से लेकर रेवाड़ी और मेवात तक फैले 22 जिलों में बारिश के आसार हैं। इनमें से नौ जिलों में (25-50%) और बाकी में (25%) हिस्सों में बारिश हो सकती है। 12 जुलाई को बारिश का दायरा और व्यापक हो सकता है, जिसमें 14 जिलों में मध्यम और 8 जिलों में हल्की बारिश की संभावना जताई गई है।
तापमान की बात करें तो मंगलवार को सिरसा सबसे गर्म जिला रहा, जहां अधिकतम तापमान 39.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। वहीं हिसार में तापमान में 5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई और 37 डिग्री पहुंच गया। दूसरी ओर, अंबाला में तापमान में सबसे ज्यादा गिरावट 1.6 डिग्री दर्ज की गई और वहां का अधिकतम तापमान 33.8 डिग्री रह गया।
इस बार की बारिश ने जहां लोगों को गर्मी से राहत दी है, वहीं कुछ जिलों में जलभराव से परेशानी भी बढ़ी है। मौसम विभाग ने लोगों को अगले कुछ दिन सतर्क रहने की सलाह दी है और जलभराव वाले इलाकों में सावधानी बरतने का आह्वान किया है।

	