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आज हरियाणा के राज्यपाल पद की शपथ लेंगे असीम घोष, हाई कोर्ट के मुख्या न्यायधीश दिलाएंगे शपथ

हरियाणा चंडीगढ़

➤हरियाणा के नए राज्यपाल असीम घोष आज लेंगे पद और गोपनीयता की शपथ

➤शपथ दिलाएंगे पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश

➤घोष करीब दो दशक से राजनीति से दूर, फिर भी पार्टी में प्रभावी भूमिका में रहे

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हरियाणा को आज एक नया संवैधानिक मुखिया मिलने जा रहा है। 81 वर्षीय प्रो. असीम कुमार घोष, जो एक समय पश्चिम बंगाल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं, आज चंडीगढ़ स्थित राजभवन में हरियाणा के 19वें राज्यपाल के रूप में शपथ लेंगे। वे बंडारू दत्तात्रेय की जगह यह जिम्मेदारी संभालेंगे।

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शपथ ग्रहण समारोह में उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शील नागू दिलाएंगे। उनकी नियुक्ति शपथ ग्रहण की तारीख से प्रभावी मानी जाएगी।

🔹 राजनीति से दूरी, लेकिन संगठन से नाता नहीं टूटा

प्रो. असीम घोष पिछले करीब 20 वर्षों से सक्रिय राजनीति से दूर रहे हैं, लेकिन भाजपा में उनकी पहचान एक अनुशासित, विचारशील और मार्गदर्शक नेता की बनी रही। वे लंबे समय तक उत्तर कोलकाता के श्री शिक्षायतन कॉलेज और मनिंद्र चंद कॉलेज में पॉलिटिकल साइंस के प्रोफेसर रहे हैं।

उन्होंने 1999 से 2002 तक पश्चिम बंगाल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में काम किया। घोष ने 2013 में हावड़ा लोकसभा उपचुनाव भी लड़ा, लेकिन वह चुनाव हार गए। इसके बावजूद संगठन में उनका प्रभाव बना रहा।

🔹 वाजपेयी युग के नेतृत्व का भरोसेमंद चेहरा

प्रो. घोष को भाजपा में लाने का श्रेय पूर्व केंद्रीय मंत्री तपन सिकंदर को जाता है। वहीं, अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें प्रदेश संगठन की जिम्मेदारी दी। पार्टी में उन्हें एक बुद्धिजीवी और विचारशील रणनीतिकार के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने पश्चिम बंगाल जैसे चुनौतीपूर्ण राज्य में संगठन की नींव मजबूत करने में भूमिका निभाई।

🔹 चंडीगढ़ में हुआ गर्मजोशी से स्वागत

नवनियुक्त राज्यपाल शनिवार को जब चंडीगढ़ पहुंचे, तो मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने राजभवन में उनका स्वागत किया। इस दौरान मीडिया से बातचीत में घोष ने कहा, “हरियाणा के महान लोगों की सेवा करना मेरी पहली प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री और प्रशासन के साथ मिलकर राज्य के विकास में योगदान देना चाहता हूं। साथ ही विपक्ष की बात को सुनना मेरी लोकतांत्रिक जिम्मेदारी होगी।”

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🔹 बंडारू दत्तात्रेय का सक्रिय कार्यकाल

प्रो. असीम घोष, पूर्व राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय का स्थान ले रहे हैं, जिनका कार्यकाल राजनीतिक रूप से घटनापूर्ण रहा। उनके कार्यकाल में भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार में समर्थन वापसी, मनोहर लाल मंत्रिमंडल का इस्तीफा, और भाजपा की तीसरी बार बनी सरकार का गठन जैसे संवैधानिक घटनाक्रम शामिल रहे।

🔹 विपक्ष और सरकार दोनों को जोड़ने का दायित्व

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल और अन्य नेताओं ने घोष की नियुक्ति का स्वागत करते हुए कहा कि “उनका वैचारिक अनुभव और राष्ट्रवादी सोच हरियाणा के बहुआयामी विकास में सहायक सिद्ध होगी।” राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि घोष एक ऐसे राज्यपाल साबित हो सकते हैं, जो प्रशासन और विपक्ष के बीच सेतु का कार्य करें।