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8 लेन एलिवेटेड हाईवे उदघाटन: प्रधान मंत्री बोले “पिछली सरकारों ने दिल्ली बर्बाद की, फाइलों में अटके रहे प्रोजेक्ट

हरियाणा की बड़ी खबर

➤पीएम मोदी करेंगे 2 बड़े इंफ्रा प्रोजेक्ट का उद्घाटन
➤द्वारका एक्सप्रेसवे और UER-2 से दिल्ली-एनसीआर को ट्रैफिक राहत
➤हरियाणा के 8 जिलों को मिलेगा सीधा लाभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 अगस्त को दिल्ली और हरियाणा को बड़ी सौगात दी। उन्होंने गुरुग्राम से दिल्ली IGI एयरपोर्ट तक बने देश के पहले 8 लेन एलिवेटेड द्वारका एक्सप्रेसवे और अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 (UER-2) का उद्घाटन किया। इन दोनों परियोजनाओं पर कुल 11 हजार करोड़ रुपए की लागत आई है। इस एक्सप्रेसवे से दिल्ली और गुरुग्राम के बीच लगने वाले भारी जाम से राहत मिलेगी, साथ ही दिल्ली-एनसीआर में आवागमन आसान होगा।

उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दिल्ली को एक ऐसा मॉडल बनाना है, जहां हर नागरिक को महसूस हो कि यह विकसित भारत की राजधानी है। उन्होंने कहा कि आजादी के इस माहौल में दिल्ली विकास क्रांति की साक्षी बन रही है। द्वारका एक्सप्रेसवे और अर्बन एक्सटेंशन रोड के जुड़ने से व्यापारियों, किसानों और आम लोगों को समय की बचत और सुविधा दोनों मिलेगी।

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पीएम मोदी ने प्रोजेक्ट पर काम करने वाले मजदूरों और अधिकारियों से भी मुलाकात की और उनकी मेहनत को सराहा। रोहिणी से लेकर बक्करवाला तक उन्होंने रोड शो किया और जनता का अभिवादन स्वीकार किया। कार्यक्रम में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी भी मौजूद रहे।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं में वैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल हुआ है। अर्बन एक्सटेंशन रोड बनाने में लाखों टन कचरे का उपयोग किया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार दिल्ली को हर समस्या से मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यमुना नदी की सफाई, इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाने और आधुनिक परिवहन सुविधाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि जनता के जीवन को आसान बनाना ही हमारी प्राथमिकता है।

हरियाणा की सरकार की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि पहले बिना पर्ची और खर्ची नौकरी मिलना मुश्किल था, लेकिन अब युवाओं को पूरी पारदर्शिता के साथ नौकरी दी जा रही है। मोदी ने बताया कि बीते ग्यारह सालों में देशभर में रिकॉर्ड स्तर पर सड़कें, रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट बने हैं, जो गुड गवर्नेंस का प्रमाण है।

पीएम ने कांग्रेस सरकारों पर हमला बोलते हुए कहा कि पिछली सरकारें सिर्फ फाइलें चलाती थीं, लेकिन काम भाजपा सरकार ने किया। उन्होंने भरोसा जताया कि दिल्ली की भाजपा सरकार पिछली समस्याओं को दूर कर राजधानी को नए स्तर पर ले जाएगी।

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पीएम मोदी थोड़ी देर में रोहिणी सेक्टर-37 स्थित कार्यक्रम स्थल पर पहुंचेंगे। इससे पहले उन्होंने द्वारका एक्सप्रेसवे पर काम करने वाले मजदूरों से मुलाकात की और उनकी मेहनत को सराहा। प्रधानमंत्री ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के साथ प्रोजेक्टों की जानकारी भी ली। इस मौके पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी भी मौजूद रहेंगे।

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द्वारका एक्सप्रेसवे देश का पहला 8 लेन अर्बन एलिवेटेड हाईवे है, जिसकी लागत करीब 9 हजार करोड़ रुपए आई है। यह गुरुग्राम से दिल्ली एयरपोर्ट तक की यात्रा को बेहद सुगम बनाएगा। इस मार्ग के माध्यम से दिल्ली से गुरुग्राम की दूरी महज 20 मिनट में पूरी हो सकेगी। हरियाणा के आठ जिलों – गुरुग्राम, झज्जर, रोहतक, पलवल, फरीदाबाद, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी और नूंह को इससे प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।

इसी तरह 7 हजार 716 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित UER-2 दिल्ली का तीसरा रिंग रोड होगा। यह सड़क न केवल दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से कनेक्टिविटी प्रदान करेगी बल्कि 17 किलोमीटर के विस्तार के जरिए दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से भी जुड़ जाएगी। इसका लाभ दिल्ली आने-जाने वाले भारी वाहनों को मिलेगा, जिससे शहर के भीतर का ट्रैफिक काफी हद तक कम हो जाएगा।

द्वारका एक्सप्रेसवे, जिसे भारत माला परियोजना के तहत बनाया गया है, दिल्ली के महिपालपुर से शुरू होकर गुरुग्राम के खेड़की दौला टोल तक फैला हुआ है। 29 किलोमीटर लंबे और 34 मीटर चौड़े इस एक्सप्रेसवे का बड़ा हिस्सा (18.9 किमी) हरियाणा में और शेष (10.1 किमी) दिल्ली में है। गुरुग्राम वाला हिस्सा पिछले साल ही चालू कर दिया गया था, जबकि आज प्रधानमंत्री ने दिल्ली से गुरुग्राम हिस्से का विधिवत उद्घाटन किया। इस एक्सप्रेसवे पर 2 लाख मीट्रिक टन स्टील और 20 लाख क्यूबिक मीटर सीमेंट का इस्तेमाल हुआ है, जिसके चलते इसे दुनिया का सबसे मजबूत एक्सप्रेसवे माना जा रहा है। 9 हजार करोड़ रुपए की लागत से बने इस प्रोजेक्ट को 2018 में शुरू किया गया था, लेकिन कोविड की वजह से इसमें देरी हुई।

इस एक्सप्रेसवे की सबसे खास बात है देश की सबसे चौड़ी 3.6 किलोमीटर लंबी अर्बन टनल, जो द्वारका और यशोभूमि को सीधे आईजीआई एयरपोर्ट से जोड़ती है। आठ लेन वाली इस टनल में अत्याधुनिक सुविधाएं, सीसीटीवी, कंट्रोल रूम और आपातकालीन निकास का इंतजाम किया गया है। हालांकि सुरक्षा कारणों से इसमें ऊंचे वाहन, दोपहिया, तिपहिया और ज्वलनशील पदार्थ ले जाने वाले टैंकरों का प्रवेश वर्जित होगा। इसके अलावा गुरुग्राम से दिल्ली के वसंत कुंज तक 5 किलोमीटर लंबी ट्विन-ट्यूब टनल पर भी काम चल रहा है, जिस पर 3,500 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

दूसरी ओर, अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 (UER-2) को दिल्ली का तीसरा रिंग रोड माना जा रहा है। 76 किलोमीटर लंबा यह रोड दिल्ली-पानीपत हाईवे से शुरू होकर द्वारका सेक्टर-24 तक जाता है और इसे 7,716 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है। इसका सीधा कनेक्शन दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से होगा, जिससे दिल्ली और गुरुग्राम के आंतरिक इलाकों में ट्रैफिक का दबाव कम होगा। इसके अलावा इसका 17 किलोमीटर का विस्तार दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे तक होगा, जिसकी लागत 3,350 करोड़ रुपए होगी और 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है।

इन परियोजनाओं से सबसे बड़ा लाभ गुरुग्राम और आसपास के इलाकों को मिलेगा। फरीदाबाद, मानेसर, सोनीपत, पानीपत और चंडीगढ़ जाने वालों का सफर आसान हो जाएगा। दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते ट्रैफिक जाम और प्रदूषण पर भी नियंत्रण मिलेगा। ईंधन की बचत और कार्बन उत्सर्जन में कमी से पर्यावरण को फायदा होगा। साथ ही आईजीआई एयरपोर्ट तक तेज और बिना रुकावट पहुंचने से व्यापार, पर्यटन और लॉजिस्टिक्स सेक्टर को भी नई ऊर्जा मिलेगी।

विशेषज्ञों का मानना है कि इन परियोजनाओं से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में ट्रांसपोर्ट नेटवर्क को नई दिशा मिलेगी। यात्रियों को समय की बचत होगी और प्रदूषण में भी कमी आएगी।