➤मानेसर में 38 वर्षीय व्यक्ति ने ऑनलाइन बेटिंग एप में पैसे फंसने से आत्महत्या
➤सरकार द्वारा एप प्रतिबंध के बाद रकम वापसी का रास्ता बंद
➤परिवार सदमे में, सांसद ने आर्थिक मदद का वादा किया
गुरुग्राम जिले के मानेसर के बांस कुसला गांव में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां 38 वर्षीय भूदेव महतो ने ऑनलाइन बेटिंग एप में अपनी जमा पूंजी गंवाने और सरकार द्वारा इन एप्स पर लगाए गए प्रतिबंध के कारण गहरे तनाव में आकर आत्महत्या कर ली। भूदेव महतो पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के बुटीडीह गांव के रहने वाले थे और पिछले 15 वर्षों से पत्नी प्रभाती महतो के साथ मानेसर में रह रहे थे। दोनों एक निजी कंपनी में कार्यरत थे।
परिवार और पड़ोसियों के अनुसार, भूदेव ने इस साल अप्रैल से एक ऑनलाइन बेटिंग एप पर खेलना शुरू किया था। शुरुआत में छोटे दांव से शुरू हुआ यह शौक धीरे-धीरे लत में बदल गया। उन्होंने करीब पांच लाख रुपए इस एप में निवेश कर दिए, लेकिन हार का सिलसिला जारी रहा और रकम डूबती चली गई। हाल ही में सरकार द्वारा ऑनलाइन बेटिंग एप्स पर प्रतिबंध लगाए जाने से भूदेव की रकम वापस मिलने की संभावना पूरी तरह खत्म हो गई। आर्थिक नुकसान और मानसिक दबाव के चलते वह डिप्रेशन में चला गया।
सोमवार की शाम वह शिफ्ट खत्म होने से एक घंटे पहले घर लौट आया था। शाम करीब 6 बजे जब प्रभाती महतो अपनी ड्यूटी से घर लौटीं, तो उन्होंने पति को फांसी पर लटका पाया। तुरंत पड़ोसियों और पुलिस को सूचना दी गई और उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक उनकी मृत्यु हो चुकी थी। आईएमटी मानेसर थाना पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और बाद में परिजनों को सौंप दिया।
भूदेव के परिवार में पत्नी और दो बेटे हैं, जिनकी उम्र 13 और 10 वर्ष है। दोनों बच्चे दादा-दादी के साथ पुरुलिया में रहते हैं। घटना के बाद पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। भूदेव के भाई रोहितास महतो, जो पुरुलिया में भाजपा जिला सचिव हैं, ने बताया कि उन्हें भाई के ऑनलाइन बेटिंग में इतने पैसे लगाने की जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि अगर जानकारी होती तो वे रोकथाम कर सकते थे।
घटना की जानकारी मिलने पर पुरुलिया के सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की और आर्थिक मदद करने का आश्वासन दिया। उन्होंने शव को पुरुलिया ले जाने के लिए निजी खर्च पर एंबुलेंस की व्यवस्था भी की। सांसद ने कहा कि यह घटना ऑनलाइन बेटिंग के खतरों को दर्शाती है और सरकार को इस पर और सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऑनलाइन बेटिंग एक प्रकार की लत है, जो आर्थिक और मानसिक रूप से व्यक्ति को तोड़ देती है। इन एप्स की आसान उपलब्धता, आकर्षक विज्ञापन और त्वरित लाभ के वादे लोगों को इसकी ओर खींचते हैं, लेकिन अंत में ज्यादातर लोगों को भारी नुकसान होता है।
फिलहाल पुलिस ने इसे आत्महत्या का मामला मानते हुए जांच शुरू कर दी है। आईएमटी मानेसर थाना प्रभारी सत्यवान ने बताया कि प्राथमिक जांच में सामने आया है कि मृतक कई दिनों से तनाव में था और पत्नी ने लौटकर उन्हें फांसी पर लटका देखा।