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Nuh Hinsa में नाम आने के बाद कांग्रेस विधायक मामन खान पहुंचे हाईकोर्ट

नूंह हरियाणा

प्रदेश में नूंह हिंसा में नाम आने के बाद फिरोजपुर झिरका के कांग्रेस विधायक मामान खान हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचे। गिरफ्तारी से बचाने के लिए उन्होंने हाईकोर्ट में सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया और साथ ही सुरक्षा की मांग की है। नूंह जिले में 31 जुलाई को हुई हिंसा की घटनाओं के बाद दर्ज मामलों की जांच के लिए एक हाईलेवल स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) गठित करने की भी मांग की है।

हाईकोर्ट में मामन खान ने आरोप लगाया गया है कि यह सामान्य ज्ञान है कि नूंह में हिंसा की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद अब दोषारोपण का खेल शुरू हो गया। घटना को रोकने में सरकार की विफलता से लोगों का ध्यान हटाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृह मंत्री अनिल विज सहित राज्य के मंत्रियों ने विपक्ष पर आरोप लगाना शुरू कर दिया है। यहां तक कि इस घटना के लिए कांग्रेस के विधायकों को दोषी ठहराते हुए उनके बयान प्रकाशित होने लगे।

हालिया सार्वजनिक बयानों से कोई नहीं रह गया संदेह
हाईकोर्ट में मामन खान को फंसाने के पीछे के कारणों के बारे में विस्तार से बताते हुए उनके वकील अर्शदीप सिंह चीमा और ईशान खेत्रपाल ने तर्क दिया कि उनके हालिया सार्वजनिक बयानों से कोई संदेह नहीं रह गया है कि जांच को हाईजैक किया जा रहा है। किसी उद्देश्य के साथ एक प्री-प्लांड दिशा की ओर निर्देशित किया जा रहा है। राज्य सरकार अब याचिकाकर्ता को इस मामले में झूठा फंसाकर राजनीतिक विरोधियों पर दोष मढ़ने का प्रयास कर रही है, क्योंकि वह हिंसा के प्रकोप को नियंत्रित करने में विफल रही और सभी पक्षों द्वारा स्थिति को गलत तरीके से संभालने के लिए दोषी ठहराया गया।

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विधायक की अब तक की लोकेशन का भी दिया विवरण
चीमा ने हिंसा की अवधि के दौरान विधायक की अब तक की लोकेशन का विवरण भी दिया गया है। जिसमें बताया गया कि याचिकाकर्ता हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में मौजूद नहीं था। वह अपने गुरुग्राम आवास पर था, याचिकाकर्ता ने अपने दावों के समर्थन में सीसीटीवी फुटेज और बिल सहित अपनी गतिविधियों के सबूत भी उपलब्ध कराए। चीमा ने हिंसा से संबंधित मामलों की जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल करते हुए एक हाईलेवल एसआईटी के गठन के निर्देश देने की मांग की गई।

बीमारी के कारण एसआईटी के सामने पेश नहीं हुए विधायक
हरियाणा पुलिस ने 31 अगस्त को नगीना थाने में एसआईटी के सामने पेश होने का नोटिस दिया गया था, लेकिन बीमारी के कारण वह एसआईटी के सामने पेश नहीं हुए। इसके बाद एसआईटी ने 10 सितंबर को पुलिस के सामने पेश होने का नोटिस दिया। इस बार वह पेश नहीं हुए और न ही पुलिस को कोई जवाब भेजा। नूंह हिंसा भड़काने में अब तक नूंह पुलिस ने 316 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इस मामले में 60 एफआईआर दर्ज की है। जिसमें 49 हिंसा भड़काने और 11 सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने के मामले में केस दर्ज किया गया है। 314 लोगों को हिंसा और 2 सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने के मामले में गिरफ्तारियां की गई है।