हरियाणा के अंबाला में आशा वर्करों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने के विरोध में जींद लघु सचिवालय के बाहर स्वास्थ्य मंत्री का पुतला फूंककर वर्करों ने रोष जताया। आशा वर्कर जिला सचिव ने कहा कि सरकार की तानाशाही, दमनकारी और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ लगातार जनता का गुस्सा बढ़ रहा है। जिले में ब्लॉक स्तरीय जन एकता पंचायत का आयोजन किया जा रहा है।
साथ ही उन्होंने कहा कि धरने प्रर्दशन में उन्हें लोगों का भरपूर समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि 28 अगस्त को विधानसभा कूच के लिए जा रही आशा वर्करों के साथ बेहद दमनकारी कार्रवाई की गई है।
महिलाओं के घर भेजे गए पुरुष पुलिस कर्मी
आशा वर्कर जिला सचिव संतोष ने बताया कि महिलाओं के घरों पर पुरुष पुलिस कर्मी भेजे गए और पीसीआर उनके घरों पर खड़ी कर दी गई। घरों में ही आशाओं को नजरबंद कर दिया। जैसे वह कोई अपराधी हों। कई आशा वर्करों को रास्ते में गिरफ्तार कर लिया और उन्हें थाने में बैठाकर रखा गया।
उन्होंने बताया कि आशा वर्करों को बसों में भरकर पूरा दिन घुमाया गया और देर शाम बड़ी दूर तक छोड़ा गया। पंचकूला जिले की आशा वर्करों को लाडवा बस अड्डे पर छोड़ दिया। सरकार की दमनकारी कार्रवाई के चलते यमुनानगर की आशा वर्कर पारुल व दादरी की वर्कर कमला की जान भी चली गई।
कोरोना काल के समय WHO ने भी की थी आशा वर्कर्स के काम की सराहना
आशा वर्कर्स 2005 से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत स्वास्थ्य सुविधाओं व जनता के बीच कड़ी का काम कर रही हैं। आशा वर्करों ने कोरोना महामारी के अंदर भी शानदार काम किया था, जिसकी सराहना विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी की थी। आशा वर्कर्स को ग्लोबल हेल्थ लीडर्स का अवॉर्ड दिया था। इसके बावजूद सरकार उनके बुनियादी कामों के अतिरिक्त रोज नए-नए काम आशा वर्कर्स पर थोप रही है। काम बढ़ाने के बाद भी सरकार आशा वर्करों के मानदेय में कोई बढ़ोतरी नहीं कर रही।
25 सितंबर को जेल भरेंगी आशा वर्कर्स
आशा वर्कर्स का कहना है कि सिर्फ चार हजार मासिक मानदेय ही आशा वर्करों को दिया जा रहा है। आशा वर्कर्स 25 सितंबर को जेल भरेंगी और आठ अक्टूबर की करनाल में होने वाली ललकार रैली में भाग लेंगी। इस अवसर पर पवन, सुरेश करसोला, कृष्णा, राजेश, राजपति, निर्मला, मुकेश, पूनम, मीना, रीतू, शकुंतला, बाला, पूजा, अंगूरी, मंजू लता, कमलेश, सविता, मुकेश, पूजा व नेहा भी उपस्थित रहे।