संसद के विशेष सत्र का बुधवार को तीसरा दिन रहा। जिसमें लोकसभा में महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) पर डिबेट जारी है। सबसे पहले कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने सदन को बिल के बारे में बताया। तत्पश्चात कांग्रेस की ओर से सोनिया गांधी ने 10 मिनट तक अपनी बात कही। चर्चा के दौरान टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने मुस्लिम महिलाओं को भी आरक्षण देने की मांग की।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने महुआ मोइत्रा का नाम लिए बगैर कहा कि मुस्लिम आरक्षण मांगने वालों को मैं बताना चाहती हूं कि संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण वर्जित है। जिस प्रकार से विपक्ष भ्रमित करने का प्रयास कर रहा है, उसमें न फंसें। वहीं सोनिया ने कहा कि सपा-एनसीपी की ओबीसी महिलाओं को भी आरक्षण की मांग तुरंत अमल में लाएं। सोनिया ने कहा कि कांग्रेस की मांग है कि बिल को फौरन अमल में लाया जाए। सरकार को इसे परमिशन तक नहीं रोकना चाहिए। इससे पहले जातिगत जनगणना कराकर इस बिल में एससी-एसटी और ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की जाए।

कहीं सपना पूरा करने व कहीं वकालत करने की दिखी बात
एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले और एसपी सांसद डिंपल यादव ने भी बिल में ओबीसी महिलाओं को आरक्षण देने की मांग की। सुप्रिया ने कहा कि सरकार बड़ा दिल करके बिल में एससी-एसटी और ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था करें। वहीं एसपी सांसद डिंपल यादव ने कहा कि बिल में ओबीसी और अल्पसंख्यक महिलाओं को भी आरक्षण दिया जाना चाहिए।सोनिया गांधी ने जहां बिल से राजीव गांधी का सपना पूरा होने की बात कही, वहीं एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले और सपा की डिंपल यादव ने ओबीसी महिलाओं को भी फायदा देने की वकालत की।
देशभर के स्थानीय निकायों में 15 लाख चुनी हुई महिला नेता
सोनिया ने कहा कि स्थानीय निकायों में महिलाओं को आरक्षण देने वाला कानून सबसे पहले मेरे पति राजीव गांधी लाए थे, जो राज्यसभा में 7 वोटों से गिर गया था। बाद में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार ने उसे पास करवाया। इसी का नतीजा है कि देशभर के स्थानीय निकायों में 15 लाख चुनी हुई महिला नेता हैं। राजीव का सपना अभी आधा ही पूरा हुआ है, यह बिल पास होने से सपना पूरा हो जाएगा। जिस पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि ये सिर्फ पीएम मोदी का बिल है, जिसने गोल किया, नाम उसी का होता है। हमारे प्रधानमंत्री और हमारी पार्टी ये बिल लेकर आई है, तो इनके पेट में दर्द हो रहा है। सोनिया गांधी इस बिल के लिए क्रेडिट लेना चाहती हैं।

एमके कनिमोझी के खडे होने पर सत्ताधरी सांसदों ने किया हंगामा
सुप्रिया सुले ने कहा कि महाराष्ट्र के पूर्व भाजपा प्रमुख ने मुझसे टीवी पर कहा था कि सुप्रिया सुले तुम घर जाओ, खाना बनाओ, देश कोई और चला लेगा। भाजपा इस पर जवाब दे। उन्होंने कहा कि जनगणना और परिसीमन होने तक महिला आरक्षण को लागू नहीं किया जा सकता। फिर इसके लिए स्पेशल सेशन क्यों बुलाया गया। इसे विंटर सेशन में भी पास कर सकते थे, देश के कई हिस्सों में बाढ़ आ रही है, इस समय सेशन बुलाने की क्या जरूरत है। डीएमके की एमके कनिमोझी बोलने खड़ी हुईं तो सत्ताधारी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। इस पर कनिमोझी और सुप्रिया सुले ने कहा कि बीजेपी के लोग महिलाओं की यही इज्जत करते हैं, फिर सदन में शांति छा गई।
बृजभूषण सिंह के खिलाफ एक्शन क्यों नहीं लेती भाजपा
टीएमसी सांसद काकोली घोष ने कहा कि देश में सिर्फ पश्चिम बंगाल में महिला सीएम है। भाजपा की 16 राज्यों में सरकार है, लेकिन एक भी राज्य में महिला सीएम नहीं है। देश के लिए मेडल जीतने वाली महिलाओं का सेक्सुअल हैरेसमेंट किया गया। आरोपी बृजभूषण सिंह आज संसद में बैठे हैं, भाजपा उनके खिलाफ कोई एक्शन क्यों नहीं लेती। उधर जेडीयू सांसद ललन सिंह ने कहा कि ये 2024 का चुनावी जुमला है। I.N.D.I.A गठबंधन से सरकार घबरा गई और ये बिल लेकर आई। इनकी मंशा सही होती तो 2021 में जनगणना शुरू करवा दी होती। इससे अब तक जनगणना पूरी हो जाती और महिला आरक्षण 2024 से पहले लागू हो जाता। वाईएसआर कांग्रेस की सांसद गीता विश्वनाथ ने बोलने से पहले भारत माता की जय का नारा लगाया और सभी को हाथ जोड़कर नमस्कार किया।
तीसरे दिन के अपडेट्स
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि इस 17वीं लोकसभा में सिर्फ दो मुस्लिम महिला सांसद हैं और दोनों हमारी पार्टी से हैं। भाजपा जो बिल लाई है, वो असल में विमेंस रिजर्वेशन रीशेड्यूलिंग बिल है। असल में ममता बनर्जी ने महिलाओं के लिए 37 प्रतिशत रिजर्वेशन की बात की थी। भाजपा वाले अगर कहते हैं कि मोदी है, तो मुमकिन है, तो महिलाओं को 37 प्रतिशत आरक्षण देकर जल्द से जल्द दिखाए।
असदुद्दीन ओवैसी ने इसे एंटी मुस्लिम और एंटी ओबीसी बिल बताया। उन्होंने कहा कि मैं अमित शाह से पूछना चाहता हूं कि सदन में एक भी जैन महिला सदस्य क्यों नहीं है, जबकि गुजरात में उनकी संख्या अच्छी खासी है।
आरजेडी, जेडीयू, एसपी और बीएसपी समेत कई विपक्षी पार्टियों ने ओबीसी महिलाओं के लिए सीट आरक्षित करने की मांग की है।
भाजपा नेता उमा भारती और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी ओबीसी महिलाओं के लिए भी कोटा तय करने की मांग की है।
आप सांसद संजय सिंह ने इस बिल को महिला बेवकूफ बनाओ बिल बताया है। उन्होंने कहा कि इसे 2024 से पहले लागू करना चाहिए।
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी और पी चिदंबरम ने इस बिल को केंद्र सरकार का जुमला बताया।