आमतौर पर खेल या सिनेमा में आने वाले न्यूकमर का फैमिली बैकग्राउंड कुछ अलग ही होता है। इस मामले में साइना नेहवाल का इतिहास कुछ अलग है।
साइना के माता और पिता दोनों ही राज्य स्तर के बैडमिंटन खिलाड़ी रहे हैं। यानी, कह सकते हैं कि साइना के खून में ही बैडमिंटन है। शायद उनकी यही प्रतिभा उनके काम आई और उन्होंने एक ऐसा रिकाॅर्ड बना दिया जो किसी भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी ने अब तक नहीं किया था। वह भारत की पहली महिला बैडमिंटन खिलाड़ी हैं जिन्होंने एकल रैंकिंग में विश्व की नंबर एक खिलाड़ी बनने का गौरव प्राप्त किया है।
उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 2008 में BWF वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप जीत कर की थी। साइना ने आठ साल की उम्र से बैडमिंटन खेलना शुरू किया था। लंदन ओलंपिक-2012 में साइना ने इतिहास रचते हुए बैडमिंटन की महिला एकल स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया था। बैडमिंटन में यह खिताब पाने वाली वह भारत की पहली खिलाड़ी हैं।
जन्म | 17 मार्च 1986 को हैदराबाद, तेलंगाना, भारत |
शिक्षा | एमएससी , श्री वेंकटेश्वर कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय |
उपलब्धि | पद्म श्री, राजीव गाँधी खेल रत्न, एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक |
माता | नसीम नेहवाल |
पिता | इमरान नेहवाल |