Haryana Weather Today : हरियाणा में मौसम में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। प्रदेश में फिर से बारिश की एंट्री होने वाली है। मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रदेश में 13 अक्तूबर यानि शुक्रवार से एक पश्चिमी विक्षोभ फिर से सक्रिय हो रहा है। जिससे बारिश होने की संभावना जताई गई है। हरियाणा में इन दिनों सुबह शाम गुलाबी ठंड ने दस्तक दे दी है। हालांकि दिन में गर्मी का अहसास हो रहा है, लेकिन आने वाले दिनों में मौसम में और बदलाव देखने को मिलेगा। सबसे पहले असर उत्तर हरियाणा के जिलो में शनिवार से होगा। 15 से 18 तक हरियाणा के सभी जिलो में कही हल्की कहीं तेज बारिश होगी। साथ में ओलावृष्टि भी संभव है।
बता दें कि एक बार फिर मौसम परिवर्तन में हरियाणा की कॉटन बेल्ट सबसे ज्यादा प्रभावित होगी। सिरसा, हिसार, फतेहाबाद, भिवानी, जींद, दादरी औऱ महेंद्रगढ़ यहाँ भारी बारिश की भी प्रबल संभावना है। प्रदेश में पल पल मौसम का मिजाज बदल रहा है। मानसून के जाने के बाद मौसम में बदलाव आया है। बदलाव के कारण लोगों को गर्मी से राहत मिल रही है। सुबह और शाम हल्की ठंड महसूस की जा सकती है, लेकिन अब एक फिर से मौसम का मिजाज बदलने की संभावना है। बता दें कि नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से प्रदेश में बारिश की संभावना बन रही है। जिसके चलते प्रदेश के कई हिस्सों में हल्की बारिश के आसार नजर आ रहे है। इस बारिश के चलते प्रदेश के तापमान में गिरावट दर्ज होने की संभावना है। 15 अक्तूबर को दक्षिण दक्षिण-पूर्व और उत्तर हरियाणा के कुछ स्थानों पर हल्की बारिश होगी। वहीं 15 से 20 अक्तूबर तक अधिकतर जिलों में बारिश होगी।

प्रदेश के कई हिस्सों में हल्के कोहरे के साथ महसूस होने लगी ठंड
विगत सप्ताह से प्रदेश के न्यूनतम तापमान में गिरावट देखने को मिली है। कई हिस्सों में तो सुबह के वक्त हल्के कोहरे के साथ ठंड महसूस हो
रही है. हालांकि दोपहर के समय गर्मी महसूस हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिनों में न्यूनतम तापमान में और गिरावट आएगी। मौसम विभाग के अनुसार इस बार के मानसून में प्रदेश के 16 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की की गई। प्रदेश में 26 जून को मानसून ने दस्तक दे दिया था, जिसके बाद 30 सितंबर को उसकी विदाई हुई। इस दौरान कुल 455.6 मिलीमीट बारिश हुई।
मौजूदा सप्ताह में राज्य में इस अवधि के सामान्य वर्षा स्तर 2.6 एमएम की तुलना में केवल एक एमएम वर्षा हुई है। यह औसत स्तर से 62 प्रतिशत कम है। मौसम विभाग ने इसे लार्ज डेफिशिएंट यानि राज्य में औसत वर्षा की दृष्टि से बड़ी कमी के रूप में आंका है। वहीं मानसून की विदाई के बाद शुरू हुए नए सीजन के लिहाज से इस अवधि के सामान्य वर्षा स्तर 5.6 एमएम की तुलना में केवल एक एमएम वर्षा को औसत से 82 प्रतिशत गिरावट के रूप में रेखांकित किया गया है।

कहां कितनी हुई बारिश
अंबाला में इस अवधि के सामान्य वर्षा स्तर छह एमएसम की तुलना में 9.8 एमएम वर्षा रिकॉर्ड की गई। यह औसत से 64 प्रतिशत अधिक है, जबकि यमुनानगर में इस अविध के सामान्य वर्षा स्तर 6.5 एमएम की तुलना में 9.3 एमएम वर्षा हुई। यह जिले के औसत वर्षा स्तर में 44 प्रतिशत की वृद्धि है।

इसके अलावा कैथल में इस अवधि के सामान्य वर्षा स्तर 1.1 एमएम की तुलना में 0.1 एमएम वर्षा रिकॉर्ड की गई। यह औसत से 87 प्रतिशत कम है। वहीं, करनाल सहित प्रदेश के अन्य सभी जिलों में इस अवधि के औसत वर्षा स्तर से सौ प्रतिशत कमी आंकी गई। तापमान की दृष्टि से राज्य में इस सप्ताह न्यूनतम व अधिकतम तापमान सामान्य स्तर से अधिक रिकॉर्ड किया गया।
आगे कैसा रहेगा मौसम
एक और ताजा कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव से उत्तर भारत में बारिश का अगला दौर 15 से 20 अक्तूबर के बीच देखने को मिल सकता है। इसी विक्षोभ के कारण बड़े पैमाने पर 17 से 20 अक्तूबर की अवधि में एक बार फिर हल्की वर्षा संभावना है। वहीं, इससे आगे की अवधि के लिए मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्वानुमान के अनुसार 13 से 19 अक्तूबर की अवधि में राज्य में औसत वर्षा स्तर सामान्य से ऊपर रहने की संभावना है।

20 से 26 अक्तूबर तक शुष्क रहेगा मौसम
अगले सप्ताह यानि बीस से 26 अक्टूबर के मध्य राज्य में वर्षा के लिहाज से मौसम शुष्क रहने की संभावना है। अगले दोनों सप्ताह राज्य में अधिकतम और न्यूनतम तापमान स्तर सामान्य ही बना रहने के आसार हैं। इस बीच वीरवार को राज्य में सर्वाधिक 37.8 डिग्री सेल्सियस तापमान नारनौल और न्यूनतम 16.2 डिग्री सेल्सियस तापमान महेंद्रगढ़ व पानीपत के ऊझा में रिकॉर्ड किया गया।

