हरियाणा में अब विधायक भी मुख्यमंत्री, मंत्री और सांसदों की तरह जनसंवाद कर सकेंगे। चंडीगढ़ में देर रात हुई भाजपा विधायकों की बैठक में सीएम मनोहर लाल ने इसकी छूट दे दी। हालांकि इन जनसंवादों को करने के लिए विधायकों को दूसरे जिले या विधानसभाओं को चुनना होगा। सीएम ने एक विधायक को कम से कम 5 जनसंवाद करने का टारगेट दिया है। सीएम ने कहा कि यदि वह टारगेट से ज्यादा करना चाहते हैं, तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। कई विधायकों ने अपने विधानसभा क्षेत्रों में हुए पन्ना प्रमुख सम्मेलनों की विस्तार से जानकारी दी। विधायकों ने साथ ही मुख्यमंत्री की टीम को अपनी सुविधा के अनुसार जनसंवाद की तारीख और उन्हें आयोजित किए जाने वाले विधानसभा क्षेत्रों की लिस्ट सौंप दी।
बता दें कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा मंगलवार श्लाशाम के समय बुलाई गई हरियाणा भाजपा विधायक दल की मीटिंग से गृह मंत्री अनिल विज ने दूरी बनाए रखी, जो कि मीटिंग में नहीं पहुंचे। उनकी तरफ से इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई है। साथ ही 7 भाजपा विधायक भी नहीं पहुंचे। बताया जा रहा है कि इनमें से कुछ विधायकों की राजस्थान के विधानसभा चुनाव में ड्यूटी लगी हुई है।
खेतों में कच्चे रास्तों पर काम करेगी सरकार
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि सरकार उन्हें पीडब्लयूडी की सड़कों के काम कराने के लिए 25-25 करोड़ रुपए देगी। सीएम ने विधानसभा क्षेत्रों में खराब सड़कों की लिस्ट जल्दी ही सौंपने को कहा है। हालांकि खेत खलिहान योजना के तहत विधायक पहले ही सड़कों की मरम्मत अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में करा रहे हैं। खेतों में जाने वाले कच्चे रास्तों को भी पक्का कराने पर सरकार काम करेगी।
निगमों के विकास की अलग योजना तैयार
सीएम ऑफिस से पार्टी के विधायकों से ऐसे विधानसभा क्षेत्रों की भी जानकारी ली गई है, जो नगर निगम में आते हैं। ऐसे विधानसभा क्षेत्रों व नगर निगमों के विकास की अलग योजना तैयार की जाएगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधायकों से 6 करोड़ से ऊपर की पीडब्लयूडी की ऐसी सड़कों की सूची मांगी है, जो खराब हो चुकी और इन्हें मरम्मत की जरूरत है।
चुनाव सिर पर जी-जान से जुट जाना चाहिए
मुख्यमंत्री ने विधायकों से कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव सिर पर हैं, इसलिए सभी को इनकी तैयारियों में जी-जान से जुट जाना चाहिए। उन्होंने प्रत्येक विधायक से उनके विधानसभा क्षेत्र से कम से कम 50-50 ऐसे लाभार्थियों की लिस्ट मांगी है, जिन्होंने केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ उठाया है। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से भी ऐसे लाभार्थियों से सीधे संपर्क स्थापित किया जाएगा, ताकि वे चुनाव में पार्टी के लिए वोकल चेहरे के रूप में मददगार साबित हो सकें।