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भारत के रहने वाले भारत की अमेरिका में मौत, परिवार और गांव में छाया मातम

करनाल हरियाणा

हरियाणा के करनाल जिलें के रहने वाले युवक की अमेरिका में मौत हो गई। 17 अक्टूबर को न्यू जर्सी सिटी में भारत नरवाल की सड़क हादसे में जान गई। वहीं इस हादसे में उसके साथी की भी मौत हुई है। तीन साल पहले वह साइप्रस से पढ़ाई करके भारत लौटा था। उसके बाद वह अमेरिका चला गया। बेटे की मौत की सूचना के बाद माता पिता सहित पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है।

भारत के चचेरे भाई रविंद्र नरवाल ने बताया कि उसके चाचा ऋषिपाल ने रिश्तेदारों से 40 लाख रुपए कर्ज लेकर उसे डोंकी के रास्ते अमेरिका भेजा था। भारत पिछले करीब 8 माह से न्यू जर्सी सिटी में एक स्टोर पर काम कर रहा था। उसके साथ एक मैक्सिको का युवक भी था। 17 अक्टूबर की रात को वह स्टोर से अपना काम खत्म करके दोस्त की गाड़ी से अपने घर जा रहे थे। रास्ते में ही अचानक गाड़ी का संतुलन बिगड़ गया और गाड़ी डिवाइडर से टकराते हुए सड़क पर पलट गई। जिसमें भारत और उसके दोस्त की मौत हो गई।

एक दिन पहले हुई थी पिता से बात

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पिता ऋषिपाल ने कहा कि हादसे से एक दिन पहले ही उसकी बेटे भारत से बात हुई थी। बेटा कह रहा था कि पापा आप टेंशन न लो मैं जल्द ही सभी के पैसे उतार दूंगा। उसे स्टोर पर अच्छा काम मिल गया है, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। अगले दिन ही अमेरिका से उसके बेटे की मौत की खबर आ गई।

इकलौता बेटा था भारत

चचेरे भाई रविन्द्र ने बताया कि भारत अपने माता पिता का इकलौता सहारा था। उसकी एक बड़ी बहन भी है जिसकी शादी हो चुकी है। भारत को उसके माता पिता ने ही बड़े दुलार से पाल कर बड़ा किया था। अब जब बेटा कमाने लगा तो भगवान ने उसके माता पिता से उनका इकलौता सहारा भी छीन लिया।

फुटबॉल का अच्छा खिलाड़ी था भारत

​​​​​ग्रामीणों ने बताया कि भारत फुटबॉल का अच्छा खिलाड़ी था। वह स्टेट लेवल तक फुटबॉल खेल चुका था। मृतक युवक भारत के माता-पिता गहरे सदमे में हैं। कुछ भी कहने व सुनने की हालत में नहीं हैं। बहन का भी रो रो कर बुरा हाल है। बहन व मां को यकीन ही नहीं हो रहा है कि उनका बेटा व भाई अब कभी वापस नहीं आ पाएगा।

सरकार से शव को भारत लाने की मांग

ग्रामीणों व परिजनों की मांग है कि सरकार उनके बेटे के शव को भारत लाने में मदद करे। वे भारत का अंतिम दर्शन और संस्कार अपने गांव में करना चाहते हैं। वहीं उन्होंने अन्य लोगों से भारत के शव को इंडिया लाने की गुहार लगाई है।