सुषमा स्वराज एक भारतीय राजनेत्री के साथ एक अच्छी वकील थी। स्वराज भारतीय जनता पार्टी की सदस्य भी थी।
तेज तर्रार नेताओं में से एक सुषमा स्वराज का जन्म हरियाणा के अंबाला में मिडल क्लास परिवार में हुआ था।
सुषमा स्वराज का शैक्षिक जीवन
सुषमा स्वराज ने अपनी स्कूली शिक्षा अंबाला कैंट मे ही एक स्थानीय स्कूल में की और अंबाला के ही एसडी कॉलेज से उन्होंने अपनी बीए की डिग्री पूरी की।
उसके बाद स्वराज ने चंडीगढ़ के पंजाब विश्वविद्यालय से एलएलबी यानी कानून की डिग्री हासिल कर 1973 में भारत के सुप्रीम कोर्ट में एक वकील के रूप में अभ्यास शुरू किया था।
अगर बात करें उनकी एक छात्रा के रूप में तो सुषमा राजनीतिक रूप से काफी एक्टिव थी। अपने पिता के साथ आरएसएस से जुड़े एक हिंदू समर्थक संगठन की नेता भी थी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार का कड़ा से कड़ा विरोध प्रदर्शन करती थी।
सुषमा स्वराज को एसडी कॉलेज में लगातार तीन वर्षों तक एनसीसी का सर्वश्रेष्ठ कैडेट घोषित किया गया था।
पारीवारिक जीवन
1975 में सुषमा ने सुप्रीम कोर्ट के एक वकील और राजनीतिज्ञ स्वराज कौशल से शादी की जिनसे शादी करने के बाद सुषमा को उपनाम के तौर पर ‘स्वराज’ मिला। स्वराज कौशल 1990 में देश के सबसे युवा राज्यपाल बने थे। सुषमा का कहना था कि कौशल स्वराज से शादी के बाद उनकी समाजवादी सोच पहले से कई ज्यादा मजबूत हो गई थी।

सुषमा की बेटी बंसुरी स्वराज भी एक वकील है।

सुषमा के पिता का नाम हरदेव शर्मा था जो आरएसएस के प्रमुख थे। उनकी माता का नाम लक्ष्मी देवी था। सुषमा के मां-बाप पाकिस्तान के लाहौर से ताल्लुक रखते थे लेकिन देश के बटवारे के बाद वह भारत में अंबाला कैंट आकर बस गए। सुषमा का एक भाई और एक बहन थी।
सुषमा स्वराज का राजनीतिक करियर
1970 में एक छात्रा नेता के रूप में सुषमा ने भारतीय राजनीति में कदम रखा जो कि तत्कालीन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार के खिलाफ कई विरोध प्रदर्शन करती थी।
1977 में स्वराज पहली बार जनता पार्टी के सदस्य के रूप में हरियाणा की विधानसभा में 1 सीट के लिए चुनी गई थी, उन्होंने वहां 1990 तक कई पदों पर अपनी सेवांए दी। श्रम-रोजगार और शिक्षा-खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री भी रहीं।
25 साल की उम्र में सुषमा हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी देवीलाल की सरकार में सबसे कम उम्र वाली शिक्षा मंत्री बनी थी। 1984 में सुषमा भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गई थी और उन्हें उस वक्त पार्टी का सचिव बनाया गया था।
1980, 1984 और 1989 में लोकसभा में सीट जीतने के लिए सुषमा स्वराज को तीनों बार हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, 1990 में सुषमा को राज्यसभा के लिए चुना गया था।
अटल बिहारी वाजपेई की 13 दिवसीय भाजपा सरकार में सुषमा ने 6 साल बाद लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल कर कैबिनेट मंत्री बनी।
अक्टूबर 1998 में सुषमा स्वराज दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में सामने आई। सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यों में भी सुषमा कभी पीछे नहीं रहीं।
1999 के लोकसभा चुनावों में वह कर्नाटक के बेल्लारी से सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ी, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 2003 से 2004 तक कुछ समय के लिए वह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री भी रहीं।
स्वराज 2009 के आम चुनाव में मध्यप्रदेश के एक क्षेत्र से सांसद के रूप में भी चुनी गई थी। चार लाख से ज्यादा वोट बरामद कर जीत हासिल की थी।
2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली सरकार में सुषमा स्वराज ने भारत की विदेश मंत्री के रूप में सेवाएं दी। अपने खराब स्वास्थ्य से परेशान होकर सुषमा ने 2019 के चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था।
6 अगस्त 2019 को सुषमा को अपने आवास पर दिल्ली में हार्ट अटैक आया जिसके बाद उन्हें एम्स, नई दिल्ली में इमरजेंसी वार्ड में शिफ्ट किया गया। डॉक्टरों की कई कोशिशों के बाद भी स्वराज न बची और रात करीब 10:50 बजे उनकी मृत्यु हो गई।
सुषमा की मृत्यु की खबर सुनकर कई बड़े-बड़े राजनेता अस्पताल पहुंचे। 7 अगस्त 2019 को सुषमा स्वराज के पार्थिव शरीर को भाजपा के मंत्रालय ले जाया गया और उसके बाद लोधी श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया।

| जन्म | 14 फरवरी 1952 अंबाला, हरियाणा |
| शिक्षा | बीए और एलएलबी |
| माता | श्री लक्ष्मी देवी |
| पिता | श्री हरदेव शर्मा |
| पति | स्वराज कौशल (अधिवक्ता और मिजोरम के पूर्व राज्यपाल) |
| बेटी | बंसुरी स्वराज |
| व्यवसाय | भारतीय राजनेत्री और सुप्रीम कोर्ट की पूर्व वकील |
| पार्टी | भारतीय जनता पीर्टी |
| मृत्यु | 6 अगस्त 2019 |
| पुरस्कार | हरियाणा विधानसभा में सर्वश्रेष्ठ अध्यक्ष के पुरस्कार से नवाजा गया। उत्कृष्ट सांसद पुरस्कार प्राप्त करने वाली पहली महिला सांसद बनीं। 2017 में अमेरिका के एक समाचार पत्र, वॉल स्ट्रीट जर्नल ने सुषमा स्वराज को भारत की सबसे पसंदीदा राजनेता का करार दिया। 2019 में स्पेनिश सरकार ने उन्हें “ग्रैंड क्रॉस ऑफ़ ऑर्डर ऑफ़ सिविल मेरिट” से सम्मानित किया। |

